हाल ही में जीएसटी कॉउन्सिल ने निर्माणाधीन आवासीय संपत्तियों की बिक्री पर लगाए गए जीएसटी कर में कटौती करने की घोषणा की है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल, जिसमें राज्य और संघीय वित्त मंत्री शामिल हैं, ने घोषणा की कि नई दर वर्तमान आवास प्रतिशत से 5 प्रतिशत कम होगी, सभी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर जो कि अफोर्डेबल हाउसिंग श्रेणी में नहीं थी।
कॉउन्सिल ने अफोर्डेबल हाउसिंग परियोजनाओं पर टैक्स की दर को 8 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने का भी निर्णय लिया है। गैर-मेट्रो शहरों में, 90 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया वाले घरों को किफायती आवास के तहत वर्गीकृत किया जाएगा। यह नई दरें एक अप्रैल से लागू की जाएंगी। प्रदीप अग्रवाल, चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल और नेशनल कॉउन्सिल ऑन अफोर्डेबल हाउसिंग के चेयरमैन ने कहा ‘जीएसटी कॉउन्सिल की सिफारिशें सभी के लिए उनके सपनों के घर की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम जीएसटी को 1% तक कम करने के कदम की सराहना करते हैं | गैर-मेट्रो शहरों में 90 वर्ग मीटर तक के कारपेट एरिया वाले घरों को किफायती आवास के तहत वर्गीकृत किया जाएगा जो कि एक बहुत ही सही निर्णय है। यह मिडिल क्लास और निओ क्लास सेगमेंट के घर खरीददारों लाभ पहुंचाएगा ।’
हरयाणा का रियल्टी मार्किट पिछले कुछ वर्षों से सुहदार की ओर है जिसमें करनाल, हिसार, अम्बाला और फरीदाबाद सहित अन्य कई शहरों में मकानों की बिक्री में इज़ाफ़ा हुआ है | इस घोषणा पर अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर और क्रेडाई हरयाणा के प्रेजिडेंट कुशाग्र अंसल ने कहा ‘पिछले कुछ वर्षों में हरयाणा के रियल एस्टेट मार्किट में अफोर्डेबल हाउसिंग ने प्रमुख भूमिका निभाई है और राज्य सरकार ने दीन दयाल जन आवास योजना लागू कर के इसमें पूरी तरह से सहयोग किया है। अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी को 8 % से घटाकर 1% करना एक बड़ा निर्णय है। साथ ही निर्माणाधीन संपत्ति पर 12% से 5% तक जीएसटी कम करने से भी खरीदार सेक्टर की तरफ आगे आएंगे और घर खरीदेंगे। अंतिम उपयोगकर्ताओं को लागत पर सीधा लाभ मिलेगा और यह निश्चित रूप से रेसीडेन्सियल सेक्टर को बढ़ावा देगा।’