14वें मेटा फेस्टिवल का समापन रेड कारपेट अवार्ड नाईट के साथ हुआ


नई दिल्ली / 14वें महिंद्रा एक्सीलेंस इन थियेटर अवार्ड्स (मेटा) फेस्टिवल के रेड-कारपेट अवार्ड समारोह में थियेटर जगत की हस्तियों और थियेटर प्रेमियों ने हिस्सा लिया| महिंद्रा ग्रुप के कल्चरल आउटरीच प्रोग्राम के तौर पर प्रचारित और प्रमुख एंटरटेनमेंट कम्पनी टीमवर्क आर्ट्स द्वारा क्युरेटेड एक सप्ताह तक चलने वाले, इस नाट्य उत्सव का समापन मंगलवार को कमानी ऑडीटोरियम में ‘गाला नाईट’ के रूप में हुआ|


भारत में, थियेटर का बहुत प्राचीन और वैविध्य भरा इतिहास रहा है, जिसमें भिन्न प्रान्तों, भाषाओँ और बोलियों की साझेदारी रही है| इस इतिहास में जहाँ ‘नौटंकी’ का रंगों भरा संगीत है, तो वहीँ ‘बंजारों’ का नृत्य| इसमें दिल को छू लेने वाला ‘बाउल’ है, तो नाटकीय ‘जात्रा’ भी और ‘सूत्रधार’ की बुद्धिमत्ता को भला कैसे भूला जा सकता है| महिंद्रा एक्सीलेंस इन थियेटर अवार्ड्स जहां प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाता है, वहीं वह इसकी वैविध्य भरी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा का जश्न भी मनाता है| मेटा भारत का सबसे ख्यातिप्राप्त थियेटर अवार्ड है, जो 14 श्रेणियों में मंच और मंच के पीछे काम करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित करता है, जिसमें प्रतिष्ठित लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी शामिल है|


पुरस्कारों के 14वें संस्करण की ज्यूरी में जाने-माने थियेटर कलाकार, अभिनेता और नाटककार आकाश खुराना, इंडिया फाउंडेशन फॉर द आर्ट के संस्थापक और भूतपूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनमोल वेल्लानी, लोकप्रिय भारतीय अभिनेत्री, गायिका और टीवी व्यक्तित्व ईला अरुण, उत्कृष्ट भारतीय कलाकार, कुलभूषण खरबंदा, नृत्यग्राम की मैनेजिंग ट्रस्टी और भारत की पहली प्रोफेशनल लाइटिंग डिजाइनर लिन फ़र्नांडिसद हिन्दू के भूतपूर्व संपादक और ‘द हडल’ के क्यूरेटर मुकुंद पद्मनाभन, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्य इतिहासकार, शोधार्थी, लेखक और आलोचक सुनील कोठारी, और राजधानी के सबसे पुराने थियेटर ग्रुप, यात्रिक के भूतपूर्व और वर्तमान में इंडिया हैबिटैट सेंटर, नई दिल्ली के डायरेक्टर, सुनीत टंडन शामिल रहे|


ताम मणिपुर के अंधा युग के हिंदी संस्करण ने 2019 मेटा का बेस्ट प्ले हासिल किया| इसी के साथ प्रकाश मंगलदीन सिंह को बेस्ट स्टेज डिजाइन, साजिदा साजी को बेस्ट कॉस्टयूम और देबरती मजुमदार को बेस्ट इनोवेटिव साउंड डिजाइन मिला| बेस्ट इनोवेटिव साउंड डिजाइन अवार्ड के लिए देबरती मजुमदार और सुमंत बालाकृष्णन व सुधीर रिखारी के बीच ‘टाई’ हुआ और दोनों पक्षों को यह अवार्ड साझा करना पड़ा| सुमंत बालाकृष्णन व सुधीर रिखारी को विस्मय के लूज़ वुमन के लिए यह सम्मान प्राप्त हुआ|


ताम मणिपुर की ही तरह, समागम रंगमंडल के अगरबत्ती की स्वाति दुबे को बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट लाइट डिजाइन प्राप्त हुआ| आशीष पाठक को बेस्ट ओरिजिनल स्क्रिप्ट; और रुक्मिणी सिरकार को अपनी भूमिका–‘ठकुराइन’, उस ठाकुर नेता की विधवा, जिसे दूसरे 23 ठाकुरों के साथ फूलन देवी और उसके गैंग ने मार डाला था–के लिए बेस्ट लीड रोल (फीमेल) प्राप्त हुआ| बेस्ट लीड रोल (फीमेल) अवार्ड भी रुक्मिणी सिरकार अंजना बालाजी के बीच टाई हुआ था| अंजना को तमिल नाटक चंडाला, इम्प्योर में निभाई भूमिका जननी के लिए यह सम्मान मिला, जननी उच्च जाति के परिवार कि वो युवती थी, जिसने चांडाल समुदाय के युवक के साथ शादी करने की हिम्मत दिखाई थी| सह-कलाकार धारानिधारण यू को अपनी भूमिका ‘आया’–जननी का सेवक, विश्वस्त, जो उसके विकास में उसकी मदद करता है–के लिए प्राप्त हुए बेस्ट एक्टर इन ए सपोर्टिंग रोल (मेल) अवार्ड से चंडाला, इम्प्योर ने मेटा 2019 में कुल दो पुरस्कार हासिल किये|


लिटिल अर्थ स्कूल ऑफ़ थियेटर मलप्पुरम की मलयालम प्रस्तुति चिल्लरा समरम को दो अवार्ड मिले, जिनमें बेस्ट एन्सेम्बल और बेस्ट कोरियोग्राफी शामिल हैं|


मेटा बेस्ट एक्टर इन ए लीड रोल (मेल) श्रुंघा बीवी को बंगलुरु के थियेटर तत्काल के कन्नड़ नाटक कोला में निभाई गई अभय (कन्नड़ परिवार के नाटक में मुख्य दो कजिन में से एक) की भूमिका के लिए मिला| वड़ोदरा के रंग प्रयोग के गुजराती नाटक अंधा युग में गांधारी की भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री मल्लिका लोखंडे को बेस्ट एक्टर इन ए सपोर्टिव रोल (फीमेल) प्राप्त हुआ|


आगाज़ थियेटर के भागी हुई लड़कियां को उनकी जीवंतता और सहज अभिनय के लिए स्पेशल ज्यूरी अवार्ड मिला|


भारत के सबसे प्रगतिशील नाटककार, महेश एलकुंचवार को मेटा 2019 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया| मेटा, थियेटर के कलाकारों और दर्शकों के नाम दिए अपने सन्देश में, महेश एलकुंचवार ने कहा, “ये प्रतिष्ठित अवार्ड पाकर मैं बहुत खुश हूं| मेटा लगातार बेहतरीन थियेटर को सम्मानित कर रहा है| वास्तव में थियेटर को चाहने वाले लोगों से अवार्ड हासिल करना सच में खूबसूरत अनुभव है|”