20 महिला रेसर्स रेड बुल कैच अप 2019 के नेशनल फाइनल्स में ट्रैक पर जलवा बिखेरने के लिये तैयार


गुरूग्राम,  मुंबई और गुरूग्राम/दिल्ली क्वालिफाइंग राउंड्स में सबसे तेज लैप टाइमिंग्स के आधार पर, 20 रेसर्स अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस,  गुरूग्राम की स्मैश स्कायकार्टिंग में रेड बुल कैच अप 2019 के फाइनल्स में प्रतिस्पर्द्धा करने के लिये तैयार हैं। 


क्वालिफायर्स 1 फरवरी से 24 फरवरी 2019 को मुंबई और गुरूग्राम के स्मैश में हुए थे, जो लोकप्रिय खेल एवं मनोरंजन केन्द्र है। मुंबई और दिल्ली/गुरूग्राम से 10-10 महिलाएं नेशनल फाइनल्स में पहुँची, जो 5 रेसर्स के ग्रुप में विभाजित होंगी और रेड बुल एथलीट मीरा एर्डा के साथ रेस करेंगी। प्रत्येक ग्रुप की एक विजेता रेसिंग सनसनी मीरा एर्डा के विरूद्ध फाइनल रेस में प्रतिस्पर्द्धा करेगी। सबसे पहले और मीरा से भी पहले फिनिश लाइन पर पहुँचने वाली प्रतियोगी को विजेता घोषित किया जाएगा और नेशनल चैम्पियन का ताज दिया जाएगा, जिसे इस वर्ष के उत्तरार्द्ध में सिंगापुर में फॉर्मूला 1 ग्रैण्ड प्रिक्स देखने का मौका मिलेगा। पिछले वर्ष प्रथम संस्करण की विजेता थीं अंजली अंटो और उन्हें फॉर्मूला 1 ग्रैण्ड प्रिक्स का अनुभव लेने के लिये सिंगापुर का टिकट मिला था।


दुर्भाग्य से, अधिकांश खेलों की तरह गो कार्टिंग भी पुरूष प्रधान प्रतीत हो सकती है, हालांकि इसमें कई प्रेरक महिला ड्राइवर्स हैं और इस रूढ़ि से मुक्त होने का एकमात्र तरीका है अधिक से अधिक महिलाओं को कार्टिंग से जोड़ना! रेड बुल कैच अप का लक्ष्य एक बार फिर महिला अमेचर रेसर्स और रेसिंग प्रेमियों को कार्टिंग में भाग लेने का मौका देना और ट्रैक पर प्रतिस्पर्द्धा से भरा, लेकिन मजेदार अनुभव देना है। यह कार्टिंग टूर्नामेन्ट भारत की सबसे तेज महिला अमेचर कार्ट रेसर की खोज करता है। रेड बुल एथलीट मीरा एर्डा भारत की पहली महिला ड्राइवर हैं, जिन्होंने जेके टायर-एफएमएससीआई नेशनल रेसिंग चैम्पियनशिप में यूरो जेके सीरीज के लिये साइन अप करने के बाद देश में फार्मूला रेसिंग की उच्चतम क्लासेस में से एक में प्रतिस्पर्द्धा की है। वह पहले डब्ल्यू सीरीज ट्रायल्‍स के लिए चुनी गईं दो भारतीय महिला ड्राइवर्स में से एक भी हैं।


रेड बुल कैच अप महिला ड्राइवर्स के लिये एक अच्छी पहल हैइस पर अपनी बात रखते हुये मीरा एर्डा ने कहा, ‘‘जब मैं 9 साल की थी, तभी से रेसिंग शुरू की और मैं फार्मूला 1 रेसर बनने का सपना देखती थी और चाहती थी कि कई भारतीय महिलाएं रेसिंग के उच्चतम स्तर पर भाग लें। इस पहल के लिये रेड बुल को धन्यवाद, जो कि देश की महिला रेसर्स को प्रेरित करने वाला एक संपूर्ण मंच है, ताकि वे एक सुरक्षित वातावरण में अपनी रेसिंग स्किल्स का परीक्षण और प्रदर्शन कर सकें। मैं नेशनल फाइनल्स में भाग ले रही सभी महिलाओं को शुभकामना देती हूँ और उम्मीद करती हूँ कि वे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने हुनर को साबित करेंगी।’’