भोपाल / यातायात में बाधा बन रही हमीदिया अस्पताल के गेट के आसपास स्थित 21 दुकानों को वहां से हटाने का मामला अभी तक लंबित है। इस वजह से हमीदिया अस्पताल का यह गेट अभी तक खोला नहीं जा सका है। लंबे समय से बंद पड़ा हमीदिया अस्पताल का गेट अप्रैल में खुलने की संभावना है। यहां एक और मल्टी लेवल पार्किंग बनाई जा रही है, लेकिन वहां तक जाने के लिए करीब 21 दुकानें आड़े आ रही हैं। इन्हें हटाने के आदेश विगत दिनों भोपाल कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव दे चुकी हैं। अब यह गेट खुलता है तो हमीदिया अस्पताल से स्टेट बैंक चौराहे की तरफ जाने का ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी। बता दें कि हमीदिया की जमीन का सीमांकन कर दुकान संचालकों के खिलाफ नोटिस तैयार किए जा रहे हैं, ताकि यह अतिक्रमण हटाया जा सके। इससे पहले भी तत्कालीन संभागायुक्त अजातशत्रु श्रीवास्तव के निर्देश पर तत्कालीन तहसीलदार एचएस विश्वकर्मा ने इन 21 दुकान संचालकों को नोटिस दिए थे। इसके बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई आज तक नहीं की गई। राजू टी स्टाल के पास अस्पताल के बंद गेट से रोड निकलना है। यह पार्किंग तक पहुंचाने के लिए बनाई जानी है, जिसके बीच में विवादित स्थल पड़ रहा है।
संभागायुक्त ने यहां मौका मुआयना किया था। हालांकि, इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यहां कुछ लोगों की मेडिकल दुकानें हैं, जिन्होंने मांग की थी कि अगर बंद गेट खोल दिया जाए तो उनकी रोजी रोटी चल सकती है। उधर हमीदिया की जमीन पर 6 दुकानें अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। इसमें माजिद खान की मैकेनिक की दुकान, असलम का पक्का मकान, रफीक का फेब्रिकेशन वर्क की दुकान, अवनीश शर्मा की कम्प्यूर की दुकान और राजेंद्र की मोटर्स की दुकान है। इनके पास कोई दस्तावेज ही नहीं हैं। हमीदिया अस्पताल सहित गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के नाम पर शहर में कितनी जमीन है, इसका सीमांकन कराने के निर्देश संभागायुक्त ने दिए हैं। लिहाजा जीएमसी की 57 एकड़ जमीन का सीमांकन किया जा रहा है। बता दें कि हमीदिया अस्पताल की 33 एकड़ जमीन का सीमांकन हो चुका है। वहीं एसटीपी प्लांट लगाने के लिए अस्पताल के पीछे की तरफ बना स्कूल का भवन और एक पार्षद द्वारा किया कब्जा हटाया जाएगा। इसके लिए सीमांकन चल रहा है।