राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (निट) कुरूक्षेत्र ने ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), भारत सरकार विद्युत मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (एनआरईडी) और हरियाणा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एचआरईडीए) पंचकूला के साथ मिलकर संयुक्त रूप से जोनल व राज्य-स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया।
यह आयोजन संस्थान के स्कूल ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी एंड एफिशिएंसी व एचआरईडीए के बीच हुए एमओयू के अंतर्गत आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के बारे में बताने के साथ-साथ घटते ऊर्जा स्रोतों व उसकी जरूरतों के बारे में जागरूक करना था। इस वाद-विवाद प्रतियोगिता में हरियाणा के विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों से 22 टीमों की भागीदारी देखने को मिली। इस कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. शशि भूषण द्वारा मुख्यअतिथि के रूप में दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित संस्थान के निदेशक पद्मश्री डा. सतीश कुमार ने ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों विषय पर अपने विचार प्रतिभागियों के साथ संाझा किए।
अधिकांश 4 जिलों में प्रत्येक में 5 जोन थे। प्रत्येक जिले से दो-दो टीमें थीं। प्रत्येक टीम में 2 प्रतिभागी थे। एक धारणा के लिए बोल रहा था जबकि अन्य धारणा के खिलाफ बोल रहा था। आंचलिक स्तर की बहस का विषय था, ‘क्या भारत को पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा पर स्विच करना चाहिए’। प्रत्येक क्षेत्र से शीर्ष दो टीमों को अंतिम दौर राज्य-स्तर के लिए चुना गया। कुल 22 टीमों में से 9 टीमों को राज्य स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता के लिए चुना गया जिसका विषय ‘ऊर्जा दक्षता: अदृश्य ईधन’ था। कार्यक्रम के अंतिम राउंड में फरीदाबाद जोन की टीम एमआरआईआईएस को विजेता घोषित किया गया। वहीं दूसरे स्थान पर भी फरीदाबाद जोन की टीम लिंगायत यूनिवर्सिटी फरीदाबाद ने कब्जा जामाया। सोनीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र जिले की टीमें क्रमश: तीसरे चौथे और पांचवें स्थान पर रही। कार्यक्रम के अंत में विजेता टीमों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एचआरईडीए के प्राजेक्ट मैनेजर सुखचैन सिंह, स्कूल ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी एंड एफिशिएंसी की समन्वयक प्रो. लिली दिवान, डा. शैली वढ़ेरा, डा. गुलशन सचदेवा, डा. अवधेश यादव सहित भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।