धर्मशाला। 1 मई को जिलाभर में नेशनल डिवर्मिंग डे मनाया जायेगा जिसके तहत एक साल से लेकर 19 साल तक के सभी बच्चों एवं किशोरों को कृमि मुक्त करने के लिये शिक्षण संस्थानों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में अल्बेन्डाजोल की दवा खिलाई जायेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान 4 लाख 19 हजार 434 बच्चों को दवा दी जायेगी। जिसमें जिला की 4217 आंगनबाड़ी, 2502 सरकारी स्कूल तथा 691 निजी स्कूल शामिल हैं।
यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा राघव शर्मा ने आज नेशनल डिवर्मिंग डे के सम्बन्ध में जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुये दी।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे स्कूलों से बाहर हैं उन्हें आशा कार्यकर्ता के माध्यम से दवाई खिलाई जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जाने वाले इस अभियान की सफलता के लिए सभी विभागों सेे अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चिित करने का आह्वान किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.गुरदर्शन गुप्ता ने संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता रखने की आवश्यकता पर बल देते हुये कहा कि कुछ छोटी-छोटी एहतियात बरतने से कृमि संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फलों और सब्जियों को खाने से पहले पानी से अच्छी तरह धोना, साफ पानी पीना, खाना ढंक कर रखना और नंगे पांव बाहर ना खेलने जैसी आदतों से इस संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
कांगड़ा जिला में सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 24 जून से 8 जुलाई तक
एडीसी ने जिलावासियांे से जल जनित रोगों से बचाव के लिए दूषित पेयजल के सेवन से बचने और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि दूषित पेयजल के सेवन से डायरिया जैसी बीमारियों के फैलने की सम्भावना बढ़ जाती है, जिससे बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। इसे लेकर लोगों को शिक्षित करने के लिए 24 जून से 8 जुलाई तक जिले में सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा।
वे आज यहां डायरिया नियंत्रण को लेकर गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
एडीसी ने कहा कि सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के दौरान जिलाभर में 1 से 5 साल तक आयु वाले 74735 बच्चों को ओआरएस के पैकेट तथा जिंक की गोलियां आशा वर्कर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से वितरित की जाएंगी। साथ ही वे क्षेत्र में किसी भी स्तर पर डायरिया रोग से ग्रस्त बच्चों को उचित निदान के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में ले जाने के लिए प्रेरित करेंगी।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा वर्कर अभिभावकों को बच्चों की देखभाल से जुड़ी अन्य स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां भी प्रदान करेंगी। इस दौरान वे बच्चों के दूध की बोतल को अच्छी तरह उबाल कर इस्तेमाल में लाने, अपने एवं बच्चों के हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोकर ही उन्हें आहार देने को लेकर शिक्षित करेंगी तथा अन्य खान-पान और टीकाकरण संबंधी जानकारी भी देंगी।
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों में बच्चों को स्वच्छता, शारीरिक सफाई और हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोने के महत्व बारे जागरूक करने पर विशेष ध्यान देने को कहा।
एडीसी ने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी पेयजल योजनाओं तथा जल स्त्रोतों की सफाई व क्लोरीनेशन जारी रखने के निर्देश दिए, ताकि प्रदूषित जल की सम्भावनाओं को कम करके जल जनित रोगों पर नियंत्रण रखा जा सके।
डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए अभियान चलाने पर बल
एडीसी ने डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय से अभियान चलाने पर बल दिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लोगों को रोगों से बचाव के ऐहतियाती कदमों बारे शिक्षित करने एवं स्वास्थ्य बारे जागरूकता संदेश गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा।
उन्होंने कहा कि आंत्रशोध व हैजे जैसे संक्रामक रोगों से बचने के लिये अपने परिवेश की स्वच्छता सबसे अहम रहती है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कहा कि स्कूली स्तर पर अध्यापक बच्चों को शारीरिक सफाई के लिए जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर जागरूकता के लिए ग्रामीण स्वस्थ स्वच्छता एवं पोषण समिति के माध्यम से जागरूक कर हर शुक्रवार को ड्राई डे घोषित किया गया है तथा बेकार ठहरे पानी, टंकियों को खाली कर साफ करने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए सभी पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी गुरदर्शन गुप्ता, डीआरडीए के परियोजना अधिकारी मुनीष शर्मा, एसएमओ चरणजीत सिंह, डॉ.राजेश सूद, डॉ.अंजलि, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।