आणंद / गुजरात के आणंद में स्थापित अमूल ब्रांड के नाम से उत्पाद बेचने वाली गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन का वार्षिक टर्नओवर 33000 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। 2018 19 का वित्तीय वर्ष पूर्ण होने पर वार्षिक टर्नओवर का अभी तक का सबसे ऊंचा स्तर अमूल ब्रांड ने छुआ है। पिछले वर्ष की तुलना में 13 फ़ीसदी ज्यादा बिक्री अमूल ब्रांड की हुई है।
मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ आर.एस.सोढ़ी के अनुसार 2020 21 के वित्तीय वर्ष में गुजरात के 18700 गांवों, 36 लाख मेंबर्स और हर दिन 1 करोड़ 77 लाख लीटर दूध बिक्री करनेवाली अमूल दुग्ध संघ का कारोबार 50000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का लक्ष्य तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि पाउच मिल्क सबसे अधिक कारोबार करने वाला उत्पाद है। सभी बाजारों में इसकी अच्छी मांग है। उन्होंने कहा अमूल का फ्लेवर मिल्क चॉकलेट फ्रूट आधारित अमूल टू कैमल मिल्क और आइसक्रीम की कई रेंज अमूल समूह ने बाजार में पेश की हैं। जिसके कारण रिकॉर्ड उत्पादन और रिकॉर्ड बिक्री का कीर्तिमान अमूल ब्रांड ने बनाया है।
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केंटिंग फेडरेशन (GCMMF) का कारोबार पिछले 7 सालों में 3.5 गुना बढ़ गया है। GCMMF के मैनेजिंग डायरेक्टर आर एस सोढ़ी ने कहा, हमने ग्रोथ अमूल के हर प्रोडक्ट्स की बिक्री में की है। थैली दूध में सबसे ज्यादा ग्रोथ हुआ है। सोढ़ी ने कहा कि अमूल के बिजनेस पर नोटबंदी का कोई प्रभाव नहीं दिखा। वहीं GCMMF के चेयरमैन अमूल अगले तीन साल में हर दिन 380 लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने की योजना बना रहा है। अभी 300 लाख लीटर दूध प्रोसेसिंग होता है।