श्री मां हरसिद्धी देवी बाघराज मंदिर में विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी 49 वां शत्चण्डी यज्ञ एवं चैत्रनवरात्रि मेले का आयोजन भी किया जा रहा है। 49वें शतचण्डी महायज्ञ की कलश यात्रा दिनांक 05.04.2019 दिन शुक्रवार को दोप.01 बजे से प्रायश्चित् पूजन के पश्चात् श्री मां हरसिद्धी देवी बाघराज मंदिर से प्रारंभ होगी। जो पिपरिया, पंतनगर, काकागंज के मुख्य मार्गो से होकर पंडापुरा से वापिस मंदिर परिसर पहुंचेगी। मंदिर परिसर स्थित रामकुटी पर चल रहे सीताराम लेखन ग्रंथों को भी कलश यात्रा में शामिल किया जावेगा।
मंदिर परिसर पर प्रतिदिन दिनांक 06.04.2019 से 14.04.2019 तक प्रातः 09 बजे से दोप. 01 बजे तक श्री शत्चण्डी महायज्ञ का नित्यपूजन एवं अपरान्ह 03 बजे से 05 बजे तक हवन-पूजन किया जायेगा। यज्ञाचार्य पं. श्री हरिनारायण रिछारिया एवं यज्ञ के मुख्य यजमान पं.ओमकार रिछारिया होंगें। श्री मां हरिसिद्धी देवी बाघराज मंदिर समिति ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं एवं माता-बहिनों से इस धार्मिक आयोजन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धर्मलाभ अर्जित करने का अनुरोध किया है। समिति सदस्यों में मुख्य रूप से मुन्ना शर्मा, रमेश चंदेल, गोलू रिछारिया, गोविंद चैरसिया, ब्रजकिशोेर दुबे, सीताराम पटैल, दामोदर पटैल सहित सभी ने की है।
बाघराज एक एतिहासिक स्थल है तथा यह एक पिकनिक स्पॉट भी है। जहाँ अलग अलग देवी देवताओ के मन्दिर है। यहाँ का मुख्य मन्दिर हरसिद्धि देवी का मन्दिर है। चैत्र तथा कुवार की नवरात्रि में यहाँ दुर्गा माँ की विशेष पूजा की जाती है तथा मेले का आयोजन किया जाता है। भक्तों की मान्यता है कि पुराने समय मे यहाँ बाघ (सिंह) रहा करते थे इस कारण से यहाँ का नाम बाघराज हुआ। इस बात का पता यहाँ बनी गुफा से भी चलता है।