लालू यादव का दावा पूरी तरह झूठा, मैं बोल दूंगा तो शर्मिंदा हो जाएंगे – प्रशांत किशोर


पटना / ‎बिहार की राजनी‎ति रोज कई न कई मुद्दों को लेकर चर्चा में बनी रहती है। इस बार  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी के आरजेडी चीफ लालू यादव के दावे पर बिहार में ‎सियासी बवाल मचा हुआ है। लालू ने अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज टु रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ में दावा किया है कि नीतीश ने महागठबंधन में वापसी के लिए कई बार अपने विश्वासपात्र प्रशांत किशोर को उनके पास दूत बनाकर भेजा था। लालू के इस दावे के बाद जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत ने उन पर आक्रामक ढ़ग से हमला बोला है। प्रशांत ने कहा कि लालू का दावा झूठा है। प्रशांत ने स्‍वीकार किया कि वह जेडीयू में शामिल होने से पहले कई बार लालू यादव से मिले थे लेकिन अगर वह यह बता दें कि इस मुलाकात में क्‍या बातचीत हुई तो आरजेडी प्रमुख शर्मिंदा हो जाएंगे। लालू यादव के दावे के बाद शुक्रवार को प्रशांत ‎किशोर ने ट्वीट कर अपनी सफाई दी। उन्‍होंने कहा, लालू यादव का दावा झूठा है। यह एक नेता के चर्चा में रहने का बहुत ही  घटिया प्रयास है जिसके अच्‍छे दिन गुजर चुके हैं। हां, मेरे जेडीयू में शामिल से होने से पहले हम कई बार मिले थे लेकिन मैं अगर यह बता दूं कि किन बातों पर चर्चा हुई थी तो वह (लालू यादव) बुरी तरह से शर्मिंदा हो जाएंगे। इससे पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने दावा किया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन में वापसी चाहते थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया क्योंकि नीतीश पर उनका भरोसा अब पूरी तरह खत्म हो गया। लालू ने कहा था कि नीतीश ने यह कवायद महागठबंधन को छोड़कर भाजपा के साथ जाने के छह महीने के अंदर ही की थी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पुस्तक ‘गोपालगंज टु रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ का जल्द ही आने वाली है। लालू ने इसी पुस्तक में लिखा है कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जेडीयू के उपाध्यक्ष और अपने विश्वासपात्र प्रशांत किशोर को अलग-अलग मौकों पर अपना दूत बनाकर उनके पास पांच बार भेजा। प्रशांत किशोर ने हर बार नीतीश की ‘धर्मनिरपेक्ष’ धड़े में वापसी पर लालू को राजी करने की कोशिश की। इस पुस्तक में लालू लिखते हैं, ‘किशोर यह जताने की कोशिश कर रहे थे कि अगर मैं जेडी(यू) को लिखित में समर्थन सुनिश्चित कर दूं तो वह बीजेपी से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन में दोबारा शामिल हो जाएंगे। हालांकि, नीतीश को लेकर मेरे मन में ‎किसी तरह की कड़वाहट नहीं है, लेकिन मेरा उन पर से विश्वास पूरी तरह हट चुका है।’