जम्मू-कश्मीर पुलवामा में हुए हमले के पश्चात बनिहाल में भी आतंकियों ने घातक हमले की योजना बनाई थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद से प्रशासन सतर्क हो गया है। दोनों घटनाओं से सबक लेते हुए अब पुलिस जम्मू-श्रीनगर हाईवे की सुरक्षा और चुस्त दुरूस्त करेगी। इसके लिए एक स्टडी ग्रुप बनाया गया हैं 270 किलोमीटर लंबे इस हाइवे पर सिक्यॉरिटटी को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए वह टीम पुलिस को बताएगी। पुलिस चीफ दिलबाग सिंह ने जानकारी दी कि इस हाइवे की सुरक्षा इस वक्त उनके लिए बड़ा चैलेंज है। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद आंतकी दो और बार आत्मघाती हमला करके नुकसान पहुंचाने की योजना बना चुके हैं। जिन्हें वक्त रहते फेल किया गया। ग्रुप की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, ‘हमने एक स्टडी ग्रुप बनाया है। वह अगले दो दिनों में हाईवे का सर्वे करेगा। फिर बताएगा कि इस अहम रास्ते को कैसे और सुरक्षित बनाया जा सकता है।’
जम्मू-कश्मीर के बनिहल के पास 30 मार्च को एक सैंट्रो कार में ब्लास्ट हुआ था। वह ब्लास्ट नेशनल हाइवे के पास उस वक्त हुआ जब वहां से सीआरपीएफ का काफिला भी गुजर रहा था। इसमें कुछ जवानों को मामूली चोट आई थी। वहीं सीआरपीएफ की एक बस को भारी नुकसान हुआ था। इस मामले में ओवैस अमीन नाम से शख्स का नाम सामने आया था, जिसे सिर्फ 36 घंटे के अंदर सोमवार को पकड़ लिया गया। गिरफ्तार शख्स के मुताबिक, उसे सीआरपीएफ के काफिले को उड़ाने का काम सौंपा गया था। यह शख्स कश्मीर के शोपियां जिले का रहनेवाला है। जम्मू श्रीनगर नैशनल हाईवे एकमात्र ऐसा रास्ता है जिसका इस्तेमाल किसी भी मौसम में किया जा सकता है और जो कश्मीर को बाकी देश से जोड़ता है। इस सड़क पर हमेशा लोगों की आवाजाही लगी रहती है। सुरक्षा बलों के वाहन भी रोजाना इसी रास्ते से घाटी में आते और जाते हैं। दिल्बाग सिंह ने कहा कि जवानों के साथ-साथ वहां से गुजरनेवालों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने जरूरी हैं।