नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राफेल मामले में अपने १४ दिसंबर को दिए गए पूर्व के फैसले के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को औपचारिक नोटिस भेजकर जवाब मांगा। इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जवाब दाखिल करने के लिए ४ हफ्ते की मोहलत मांगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें ४ मई तक जवाब दाखिल करना होगा।
सर्वोच्च अदालत अब इस मामले में ६ मई को सुनवाई करेगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने १४ दिसंबर को फ्रांस से ३६ राफेल फाइटर प्लेन खरीद प्रक्रिया की जांच का आदेश देने से इंकार किया गया था। इस आदेश के खिलाफ पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट १० अप्रैल दोबारा सुनवाई करने के लिए राजी हुआ था।
तब मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली ३ सदस्यीय पीठ ने लीक हुए दस्तावेजों को वैध माना था। हालांकि, सरकार ने दलील दी थी कि इन दस्तावेजों को खारिज किया जाना चाहिए।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने देश की सुरक्षा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका खारिज करने की मांग की थी। दलील दी गई थी कि तीनों याचिकाओं में जिन दस्तावेजों का प्रयोग हुआ है, उस पर सरकार का विशेषाधिकार है। लिहाजा उन दस्तावेजों को याचिका से हटाया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना था।