नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तमाम कोशिशों के बाद भी गठबंधन नहीं हो पाया है। अब दोनों पार्टियां अपने-अपने दम पर दिल्ली की सभी ७ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। दोनों पाटिNयों में आरोप-प्रत्यारोप भी चल रहे हैं।
अब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि उनका कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों नहीं हो पाया है। एक टीवी चैनल की बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नीयत नहीं थी, इसलिए गठबंधन नहीं हो पाया है।
केजरीवाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने गठबंधन को लेकर पूरी कोशिश की है, लेकिन कांग्रेस ने अपने कदम पीछे खींच लिए। अरविंद केजरीवाल ने गठबंधन को लेकर कांग्रेस से चली पूरी बातचीत भी सामने रखी। केजरीवाल ने बताया, 'देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा ये है कि किस तरह नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी से देश को बचाया जा सके। इसीलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन का निर्णय लिया था'।
केजरीवाल ने कहा कि पहले दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गोवा की ३३ सीटों पर गठबंधन होने की बात थी, लेकिन बाद में यह दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ की १८ सीटों तक पहुंच गई। केजरीवाल ने दावा किया है कि १८ सीटों पर गठबंधन की बात बिल्कुल तय हो गई थी, अगले दिन साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली थी। लेकिन अगले दिन कांग्रेस नेताओं ने फोन उठाना बंद कर दिया।
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि १८ सीटों पर बात तय होने के बाद कांग्रेस ने हरियाणा की एक और सीट पर शर्त रखी। केजरीवाल ने कहा कि आप पार्टी ने कांग्रेस की यह शर्त भी मान ली, जो कि नामुमकिन थी, लेकिन फिर भी कांग्रेस ने कदम पीछे कर लिए। गठबंधन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी की नीयत पर भी सवाल उठाए।
केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने गठबंधन के संबंध में ट्वीट किया। दुनिया के इतिहास में कौन सा गठबंधन ट्विटर पर हुआ है। इसका मतलब ये है कि राहुल गांधी दिखा रहे थे कि वो गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन करना नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि गठबंधन बैठकर बातचीत से होते हैं, इस तरह ट्विटर पर नहीं होते हैं।