नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को इस महीने अमेरिका, जर्मनी और स्पेन की यात्रा पर जाने की मंगलवार को अनुमति दे दी। कार्ति आपराधिक मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का सामना कर रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता एवं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक पीठ ने कहा कि विदेश यात्रा की यह अनुमति पूर्व में लगाई शर्तों के अनुपालन पर निर्भर करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को उच्चतम न्यायालय के महासचिव के पास १० करोड़ रुपये जमा करने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत ने उन्हें एक लिखित आश्वासन भी दायर करने को कहा कि वह लौट कर आएंगे और जांच में सहयोग करेंगे। कार्ति के खिलाफ दर्ज मामलों में एक मामला ३०५ करोड़ रुपये की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी से जुड़ा हुआ है। यह मंजूरी उस वक्त दी गई थी जब उनके पिता वित्त मंत्री थे।
- क्या है मामला
२००७ में वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया को विदेश से ३०५ करोड़ रुपये स्वीकार करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की ओर से दी गई मंजूरी में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इस मामले में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ ईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।
कार्ति पर प्रमुख आरोप ये है कि पिता के वित्तमंत्री रहते हुए उन्होंने इसका फायदा उठाकर कई कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उन्हीं में से एक मामला आईएनएक्स मीडिया का भी है, जिसकी सर्वेसवा बेटी की हत्या के आरोप में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी रह चुकी हैं। कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
शिवगंगा, कार्ति के पिता पी. चिदंबरम की सीट रही है। बता दें कि शिवगंगा सीट १९६७ में अस्तित्व में आई। पहले दो चुनाव (१९६७-१९७१) में यहां द्रमुक जीती। इसके बाद साल १९७७ में अन्नाद्रमुक ने इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया। कार्ति पेशे से नेता और बिजनेसमैन हैं। उन्होंने डॉन बास्को चेन्नई से स्कूली पढ़ाई करने के बाद टेक्सास यूनिवर्सिटी से बीबीए और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है।