बुरहानपुर। लोकसभा चुनाव और उसके आने वाले परिणाम देश और क्षेत्र का भविष्य तय करेगे, लेकिन 2019 के होने वाले चुनाव में भाजपा कांग्रेस विकास विहीन मुद्दो पर चुनाव मैदान में है, देश में बढती बेरोजगारी और अस्र्थिता मुख्य मुद्दा है पर राजनैतिक दलो का ध्यान इस ओर नही है, भाजपा प्रधानमंत्री के चेहरे को सामने रखकर मतदाताओं के बीच है तो कांग्रेस किसानो की ऋण माफी का गुण गान कर मतदाताओं को लुभाने के प्रयास कर राजनैतिक दल एक दूसरेपर आरोप प्रतिआरोप लगाने में लगे है,
खंडवा संसदीय सीट पर जहां भाजपा के नंदकुमार सिंह चौहान पिछले 5 बार से सांसद है लेकिन 25 वर्षो में क्षेत्र का जो विकास होना था वह नही हो सका उनके कार्यकाल के विकास कार्यो को उनगलीयों पर गिनाने वाले उनके समर्थक जमीनी स्तर पर विकास नही दिखा पा रहे है, क्षेत्र में बडे उद्योगो की कमी वर्षो से खल रही है केला और कपास का क्षेत्र होने के बाद भी यहां इस से सम्बंधित कोई बडे उद्योग यहां नही लग पाऐ, युवको को रोजगार और उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड रहा है,
जिले की दो प्रमुख उद्योगिक ईकाइया नेपा मिल और बुरहानपुर ताप्ती मिल र्जीण शीर्ण अवस्था में है ऐसे में सांसद का विकास कही नजर नही आ रहा है, अरूण यादव 2009 से 2014 के बीच सांसद रहकर केन्द्रीय मंत्री बने तथा भारी उद्योग सहित खाद्य संस्करण जैसे विभाग के मंत्री होने के बाद भी उन के द्वारा क्षेत्र के पावरलूम उद्योग और केला कपास प्रोसेसिंग से सम्बंधित किसी उद्योग की स्थापना क्षेत्र में नही कराने से खंडवा
संसदीय क्षेत्र रोजगार और उद्योगो के मामले में पिछडा है, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस विकास हीन मुद्दो के साथ चुनाव मैदान में है जिस से क्षेत्र की जनता भलीभांति जान चुकी है, ऐसे में जीत को लेकर दोनो ही प्रत्याशी असमंजस की स्थिति में है। खंडवा संसदीय क्षेत्र को उद्योगिक ईकाइयों की अवश्यक्ता है जिस से क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा लेकिन जनप्रतिनिधियों के जीत कर जाने के बाद इस को लेकर कोई पहल नही की जाती रही है जिस से यह क्षेत्र वर्षो से पिछडा हुआ है।