नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेट एयरवेज में बुक कराए गए टिकटों के पैसों को यात्रियों को वापस लौटने से जुड़ी याचिका पर नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए), जेट एयरवेज, नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने इन सभी को अपना जवाब अगली सुनवाई से पहले दाखिल करने को कहा है। जेट के उन यात्रियों ने जिन्होंने एडवांस में टिकट बुक कराई है, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 16 जुलाई को इस मामले में कोर्ट दोबारा सुनवाई करेगा।याचिका में कहा गया है कि जिन लोगों ने जेट एयरवेज में कई महीनों पहले कम दाम में टिकट बुक कराई थी, उनका वह पैसा भी डूब गया है।
अब किसी दूसरी एयरलाइंस में उनको यात्रा करने के लिए कई गुना महंगे दाम पर टिकट बुक करना पड़ रहा है। लोगों को न सिर्फ अपने पैसे का नुकसान झेलने को मजबूर होना पड़ रहा है, बल्कि मानसिक यंत्रणा को भी झेलनी पड़ रही है।
करीब 100 फ्लाइट्स जेट की तरफ़ से बिना किसी पूर्व सूचना के ख़ारिज कर दी गई। लोगों को मंहगी टिकट खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि किसी को पारिवारिक किसी को अपने आफिस के काम के चलते यात्रा करनी अनिवार्य है।पिछली सुनवाई में इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि कोर्ट को लगता है कि यह याचिका प्रचार के लिए दायर की गई है।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता से पूछा था कि सुनवाई पर आने से पहले पीआईएल की सामग्री अखबारों में क्यों प्रकाशित की गई। उसके बाद कोर्ट में सुनवाई के लिए 1 मई की तारीख दे दी थी।यह अर्जी कंज्यूमर एक्टिविस्ट बिजोन मिश्रा की तरफ से दाखिल की गई है। दिल्ली हाई कोर्ट में इससे पहले मिश्रा की तरफ से एक याचिका लगाई गई थी जिसमें एयरलाइंस में किरायों पर नियंत्रण के लिए गाइडलाइंस बनाने के लिए कोर्ट को कहा गया था।