नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के कारण राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हैं। मंगलवार को इस लेकर पार्टी महासचिव और बहन प्रियंका वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राहुल से मुलाकात की।
इसके साथ ही राजस्थान में पार्टी के सूपड़ा साफ होने को लेकर राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों की ओर से जवाबदेही तय करने की मांग की पृष्ठभूमि पर चर्चा की गई। वहीं राहुल गांधी ने कहा कि मैं संसद में जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, लेकिन पार्टी एक महीने के भीतर नया अध्यक्ष चुन ले।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी से गहलोत और पायलट की मुलाकात मुख्य रूप से राजस्थान से संदर्भ में थी जहां पर लोकसभा चुनाव में पार्टी का पूरी तरफ सफाया हो गया है। मंगलवार की सुबह सबसे पहले प्रियंका पहुंचीं।
इसके बाद केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और सचिन पायलट पहुंचे। कुछ देर के बाद सुरजेवाला और पायलट वहां से बाहर आ गए। इसके बाद गहलोत राहुल के आवास पर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से मुलाकात से पहले गहलोत ने अलग से प्रियंका से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्यप्रदेश में पार्टी के सूपड़ा साफ होने को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जाहिर की थी।
सूत्रों और मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे
और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया।
बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इस सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया।