० डिजिटल सत्संग के बजाय आध्यात्मिक स्थानों पर करें सत्संग
० ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में स्पेशल क्लास
बिलासपुर। ''ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में गुरूवार स्पेशल क्लास में अपने अनुभव साझा करते हुए सेवाकेन्द्र प्रभारी मंजू ने कहा कि आजकल लोग तनाव, अवसाद या अन्य पारिवारिक समस्याओं के समाधान के लिए काउंसिलिंग कराने बहुत आते हैं
और काउंसिलिंग से रास्ता भी जरूर निकलता है किन्तु समस्या से लड़े व समाधान करने की शक्ति सेवाकेन्द्र में नियमित सत्संग सुनने से ही मिल सकती है क्योंकि सत्संग में डायरेक्ट परमात्मा से बातचीत होती है और परमात्मा जो सर्वशक्तिमान हैं उनके सानिध्य व प्रकम्पन्न से शक्ति तो जरूर मिलती ही हैं।
काउंसिलिंग को एक प्रकार से थ्योरिटिकल सॉल्यूशन कहा जा सकता है जबकि सत्संग है प्रैक्टिकल सॉल्यूशन। और ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि आजकल डिजीटल जमाने में मोबाइल से सत्संग करते हैं जो कि हर किसी के लिए प्रैक्टिकल रूप से संभव नहीं है क्योंकि मोबाइल में किसी एक विषय पर एकाग्रता नहीं होती, हर कुछ मिनटों में विभिन्न प्रकार के नोटिफिकेशन्स आते हैं
या कोई ऑटो ओपनिंग एड्वर्टाइजमेन्ट्स आने लगते हैं ऐसी स्थिति में हमारी दिशा किसी और तरफ डायवर्ट भी हो सकती है और जो प्राप्तियां हमें होनी चाहिये वह सही तरीके से नहीं हो पाती। लेकिन सेवाकेन्द्र में जाने से आध्यात्मिक वातावरण के साथ-साथ अन्य साधकों के वायब्रेशन की मदद से अतिरिक्त शक्ति मिलती है जो हमें चार्ज भी कर देती है और हमारा कनेक्षन परमात्मा से जोड़े में मदद भी करती है।''
दीदी ने बतलाया कि 'मैं पूर्वज आत्मा हूं' इस स्वमान के अभ्यास से हमारे अंदर देवतायी गुण आते जायेंगे। सभी के प्रति हमारे अंदर क्षमा, रहम, दातापन का भाव आता जायेगा चाहे वह शारीरिक उम्र में हमसे बड़े ही क्यों न हो। उनकी गलतियों पर हमें गुस्सा नहीं आयेगा बल्कि प्यार और तरस आयेगा।
दीदी ने कहा कि हमें स्वमानों के अभ्यास के लिए अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं है, जब हम एक बार नाश्ता और दो बार भोजन करते हैं उससे पूर्व ग्यारह-ग्यारह बार स्वमान ले लें और दिनभर में जब भी पानी पीते हैं तो उससे पहले कम से कम एक बार स्वमान ले लें। शुरूआत में यदि मन न भी लगे तो भी ऊपरी तौर पर ही केवल मुख से बोल लें। इसका भी लाभ मिलेगा। दीदी ने कहा कि जिन्हें भी स्वमान की विस्तृत जानकारी चाहिए वे सेवाकेन्द्र पर नि:संकोच आ सकते हैं।
विशेष प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन
बुधवार से प्रतिदिन शाम ७.३० से ८.३० बजे शिवानी बहन जी के प्रवचनों पर आधारित पुस्तक हैप्पीनेस इंडेक्स-खुशी की श्रृंखला पर विशेष मंथन क्लास का आयोजन किया जा रहा है। जिन्हें भी अपने प्रश्नों का समाधान चाहिये या वे जीवन में सतत खुशियों की अनुभूति करना चाहते हैं वे इस क्लास में शामिल हो सकते हैं।
प्रतिदिन एक घण्टे योग साधना
दीदी ने बतलाया कि २४ जून को संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती की पुण्यतिथि है जिसके लिए सभी नियमित साधकों को सेवाकेन्द्र पर प्रतिदिन एक घण्टे विश्व की सभी आत्माओं के जीवन में शांति के लिए योग का दान देने के लिए कहा गया है।