नई दिल्ली। अगर आप ऑनलाइन पेमेंट सर्विस पेटीएम की पोस्टपेड वॉलेट से मिलने वाली कर्ज की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल, पेटीएम की इस खास सुविधा पर एक जनहित याचिका में सवाल खड़े किए गए हैं।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट में वित्तीय अर्थशास्त्री अभिजीत मिश्रा ने एक याचिका दायर की है।
इस याचिका में कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि वह नियमों का उल्लंघन कर कर्ज दे रही है।इसके बाद याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने आरबीआई और पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में इस याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति बृजेश सेठी की बेंच कर रही है।
क्या कहना है याचिकाकर्ता का
याचिकाकर्ता अभिजीत मिश्रा का दावा है कि पेटीएम की 'पोस्टपेड' सेवा गैर-कानूनी है। उनकी दलील है कि पेटीएम जैसे पेमेंट बैंकों के संबंध में आरबीआई के दिशा-निर्देश कर्ज के वितरण संबंधी गतिविधियों की इजाजत नहीं देते हैं।
अधिवक्ता पायल बहल के जरिए दायर याचिका में कहा गया है, पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड पेटीएम पोस्टपेड के जरिए ग्राहकों को कर्ज वितरित कर रही है। यह भुगतान बैंक द्वारा कर्ज वितरण को रोकने वाले दिशा-निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 3 सितंबर को होगी।
पेटीएम पोस्टपेड सर्विस क्या है
पेटीएम की पोस्टपेड सर्विस एक तरह से यूजर के लिए क्रेडिट कार्ड है। आप पेटीएम पोस्टपेड इस्तेमाल करके आज किसी भी सेवा के लिए पैसे दे सकते हैं और उस पैसे का भुगतान अगले महीने कर सकते हैं।
अहम बात यह है कि अगर आपके वॉलेट में पैसा ना भी हो तब भी पेटीएम की इस सेवा की मदद से भुगतान कर सकते हैं। इस दौरान आपको क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पेटीएम पोस्टपेड की लिमिट कम से कम 500 रुपये की होती है। हालांकि इस कोर्ड के द्वारा आप कैश नहीं निकाल सकते हैं।