नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव २०१९ में भले ही बीएसएफ का बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती ना दे पाया हो लेकिन दिल्ली में कुछ पूर्व सैनिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार को जरूर चुनौती दे रहे हैं। पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के खिलाफ पूर्व सेना स्टॉफ मैदान में हैं।
पश्चिमी दिल्ली से अखंड राष्ट्रवादी पार्टी के उम्मीदवार पूर्व कैप्टन जनकराज राणा भाजपा के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं। राणा जम्मू कश्मीर के राजौरी और लंबे समय तक एलओसी में तैनात रह चुके हैं। इतना ही नहीं इनके प्रचार अभियान में कई पूर्व सेना अधिकारी शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से दावेदारी पेश करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था।
जनकराज राणा का कहना है कि बीजेपी ने सेना का नाम लेकर केवल गुमराह किया है। बीजेपी के वन रैंक वन पेंशन को लेकर राणा बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि सभी के साथ न्याय नहीं हुआ है। प्रत्याशी राणा के साथ कई पूर्व सेना अधिकारी भी मौजूद थे। राणा के समर्थन में उतरे दो पूर्व सैनिक, रिटायर्ड सूबेदार मेजर पूरव सिंह खनका और सूबेदार मेजर सुंदर यादव का कहना है कि बीजेपी ने सेना का सम्मान नहीं किया है।
कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा ने कहा कि एक पूर्व सैनिक इसी सीट से चुनाव लड़ रहा है। वे ख़ुद सेना में काम कर चुके हैं। ऐसे में कोई भी उन्हें राष्ट्रवाद का पाठ न पढ़ाए। वहीं दूसरी ओर इसी सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बलबीर जाखड़ कहते हैं कि बीजेपी हमेशा से ही जनता की समस्याओं को गुमराह करके भारत माता की जय बोलती है।
बीजेपी ऐसा इसलिए करती है जिससे लोग बीजेपी से सवाल ना करें। वहीं देर शाम पश्चिमी दिल्ली की एक जनसभा में भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि ये आपके वोट की ताकत ही है कि अभिनंदन २४ घंटे में वापस आ गया। इस जनसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। चुनाव आयोग ने सेना से जुड़ी किसी भी बात का भाषण में जिक्र करने से मना किया है।