- जुलाई से ऑफलाइन ट्रायल होंगे शुरू
नई दिल्ली। जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की नई व्यवस्था अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएगी। जुलाई से ऑफलाइन टूल्स के जरिए इसका ट्रायल शुरू होगा। पांच करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को हर माह और इससे छोटे कारोबारियों को तिमाही रिटर्न भरना होगा। मौजूदा फॉर्म जीएसटीआर1 और जीएसटीआर-3 बी क्रमशः अक्टूबर और दिसंबर से समाप्त हो जाएंगे।
जिनकी जगह जीएसटी एएनएक्स-1ब और जीएसटी आरईटी-1 ले लेंगे।वित्त मंत्रालय की ओर से नए जीएसटी रिटर्न फॉर्मों को लागू करने का रोडमैप जारी किया गया। इसके तहत नए रिटर्न के तीन मुख्य भाग होंगे। एक मेन रिटर्न फॉर्म जीएसटी आरईटी-1 और दो एनेक्सचर फॉर्म जीएसटीएएनएक्स-1और जीएसटी एएनएक्स-2 होंगे। दोनों फॉर्म जुलाई से सितंबर के बीच ट्रायल के लिए ऑफलाइन टूल के रूप में उपलब्ध होंगे।
एनएक्स-1 में टैक्सपेयर्स ट्रायल के तौर पर इनवॉइसेज अपलोड करना शुरू कर देंगे और एनएक्स-2 के जरिए वे इनवर्ड सप्लाई के डेटा देख और डाउनलोड कर सकेंगे।डीलर ऑफलाइन टूल में अपने परचेज रजिस्टर भी आयात कर सकेंगे, जिससे डाउनलोड किए गए इनवॉर्ड सप्लाई इनवॉइसेज को मैच करके देख सकेंगे कि कोई मिसमैच तो नहीं आ रहा।
ट्रायल के दौरान टैक्सपेयर की पिछली टैक्स लायबिलिटी और इनपुट टैक्स क्रेडिट पर कोई असर नहीं होगा लेकिन ट्रायल के तीन महीनों के दौरान टैक्सपेयर मौजूदा जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी की फाइलिंग पहले की तरह जारी रखेंगे। ऐसा नहीं करने पर दंडात्मक प्रावधान लागू होंगे।