वाशिंगटन। कई देशों में स्टूडेंट को केवल किताबों और रहन-सहन का खर्च उठाना पड़ता है लेकिन, अमेरिका, ब्रिटेन में छात्रों को ट्यूशन फीस चुकानी पड़ती है। ब्रिटेन में 1998 तक उच्च शिक्षा मुफ्त थी। इसके बाद कानून में बदलाव कर सरकारी विश्वविद्यालयों में छात्रों से ट्यूशन फीस की वसूली शुरु की गई।
अमेरिका में सरकारी यूनिवर्सिटी, कॉलेज में औसत ट्यूशन फीस पिछले तीस वर्षों में तीन गुना बढ़ी है। वहां यह मुद्दा 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में उछला था। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के कई दावेदारों ने इसका समर्थन किया है। कई अध्ययनों से पता लगा है कि अमेरिका, ब्रिटेन जैसे संपन्न देशों में भारी-भरकम फीस के कारण कॉलेजों में दाखिलों की संख्या घटी है।