भिलाई, अगर न्याय नही मिला तो घिराहू प्रसाद कर लेंगे धर्म परिवर्तन


 अगल बगल के दोनो पड़ोसियों ने कर लिया घिराहू के पट्टा वाले जमीन पर कब्जा
साल भर से शिकायत करने के बाद भी निगम अधिकारी नही कर रहे कार्यवाही,
उल्टा कब्जाधारियों का ले रहे है पक्ष


भिलाई। बापू नगर खुर्सीपार निवासी घिराहू प्रसाद के पट्टा वाले जमीन को उनके अगल बगल  के दो पड़ोसियों देशराज एवं संतोष यादव द्वारा लगभग चार फीट कब्जा कर मकान का निर्माण कर लिया गया है। जिसकी शिकायत नगर निगम कमिश्रर एस के सुंदरानी एवं जोन चार के जोन आयुक्तों से एवं वहां के सहायक राजस्व अधिकारी से कई बार किया जा चुका है लेकिन उनके शिकायत को नजर अंदाज कर उल्टा जोन चार के सहायक आयुक्त द्वारा कब्जा करने वालों का ही पक्ष लिया जा रहा है।


श्री घिराहु न्याय नही मिलने से अत्यंत दुखी है और उन्होंने यहां तक कह दिया हैं कि यदि मुझे न्याय नही मिला तो मैं धर्म परिवर्तन कर लूंगा। उक्त बातें पीडि़त घिराहू प्रसाद ने आज कॉफी हाउस में एक प्रेस कांफ्रेस में कही। 



 उन्होंने आगे बताया कि वह 1998 में पंप हाउस क्रमांक 1 रोड, बापू नगर खुर्सीपार जोन -2, वार्ड 29 में पटटा वाली जमीन खरीद कर रह रहे है, उनके घर के एक साईड में देशराज एवं दूसरे साईड में संतोष यादव रहते है, मेरी पत्नी जबतक थी तो इन दोनो घरों से हमारे अच्छे ताल्लुकात थे और आना जाना लगा रहता था लेकिन मेरी पत्नी के देहांत हो जाने के कुछ दिनों बाद मेरे उत्तर एवं दक्षिण साईड के पड़ोसी देशराज और संतोष यादव ने मेरे द्वारा उत्तर दिशा में डेढ फीट एवं दक्षिण दिशा में ढाई फीट की गली छोड़ी गई थी उसको कब्जा कर वहां से अपना मकान बना लिये है।


कब्जा करते समय मैं जब इन दोनो को मना किया तो ये दोनो ने कहा कि हम तो कब्जा करेंगे आपको जहां जाना है जिसकों शिकायत करना है कर लो हमारा कुछ नही होगा, हम कब्जा करेंगे। इनके द्वारा किये जा रहे मकान निर्माण के समय से मैं नगर निगम के जोन 4 में कई बार शिकायत कर चुका हूं कि मेरे द्वारा छोडे गये गली में इन दोनो पड़ोसियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इस जमीन का मैं निगम में संपत्तिकर एवं समेकित कर  पटाता हूं।


कृपया मेरे जमीन पर  इन दोनो लोगों द्वारा किये गये कब्जा को हटाया जाये। लेकिन निगम अधिकारियों द्वारा इन पर कोई कार्यवाही नही कर रहे है, और पूछने पर मुझसे हर बार यहां के सहायक राजस्व अधिकारी अफसरगिरी झाडते हुए दुव्र्यवहार और प्रताडि़त कर रहे हैं। वह भी ऐसा दुव्र्यवहार करते है कि यदि वे निगम कार्यालय के बाहर होते तो लडाई झगडा हो जाता। 
सहायक राजस्व अधिकारी को नही पता कि कितने जमीन का दिया जाता है पट्टा
कब्जाधारी के मकान का बता रहे है कि 12 सौ स्क्वायर फीट का मिला है पट्टा 
जबकि नियम मात्र साढे सात सौ फीट का पटटा दिये जाने का है



हद तो तब हो गई कि जब पीडि़त घिराहू प्रसाद ने बताया कि मेरे पड़ोसी संतोष यादव खुद ही अवैध कब्जा वाले जगह पर रह रहा है, वहां पहले एक  मिश्रा जी रहते थे, जिन्हें पंडित समझ कर सबने वहां मकान बनाने दिया था, उसके कुछ साल बाद वह मकान संतोष यादव को बेंचकर चले गये। उस मकान का पट्टा न तो मिश्रा जी को मिला था और न ही संतोष यादव का। इस बारे में जब सहायक राजस्व अधिकारी  को बताया गया तो उल्टा घिराहू को डांटते हुए बोले कि तुमको नही पता मैं खुद देखा हूं संतोष यादव के मकान का 12 सौ स्क्वायर फुट का पट़टा है,


जब पट्टा का कागजात दिखाने के लिए घिरहू ने कहा तो उन्होने कहा कि हम नही दिखायेंगे, तुम कौन होते हो पट्टा देखने वाले। मजे की बात तो यह है कि अंतिम बार 1998 में जब पट्टा दिया गया उस समय साढे सात सौ स्क्वायर फीट का ही पट्टा देने का नियम था लेकिन 12 सौ स्क्वायर फुट का पट्टा किस नियम से और कैसे संतोष यादव को मिल गया यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।