दिव्यांग सुनील को ट्रायसिकल के साथ-साथ 600 रूपये प्रतिमाह पेंशन का स्वीकृति आदेश तथा यूडीआईडी कार्ड मिला


शाजापुर। कक्षा 7वी में अध्ययनरत् ग्राम दुपाड़ा की नई आबादी का 13 वर्षीय दिव्यांग सुनील पिता बगदुलाल मालवीय अब ट्रायसिकल से विद्यालय जायेगा। ट्रायसिकल के साथ-साथ उसे सामाजिक न्याय विभाग द्वारा अपनी तरफ से पहल कर 600 रूपये प्रतिमाह की दिव्यांग पेंशन राशि का स्वीकृति पत्र तथा भारत सरकार द्वारा दिव्यांगों को दिया जाने वाला यूडीआईडी (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी.) कार्ड भी प्रदान किया गया।



दिव्यांग सुनील विगत 16 जुलाई को संपन्न हुई जनसुनवाई में कलेक्टर डाॅ. वीरेन्द्र सिंह रावत के समक्ष ट्रायसिकल प्रदान करने का आवेदन लेकर अपनी माता के साथ उपस्थित हुआ था। कलेक्टर डाॅ. रावत ने उसकी दिव्यांगता को देखते हुए तत्काल सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया था


कि सुनील के लिए दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन सहायता राशि के तहत 600 रूपये प्रतिमाह की पेंशन स्वीकृत करने तथा यूनिक डिसेबिलिटी आईडी एवं ट्रायसिकल प्रदान करने की कार्यवाही करें। विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सुनील के लिए पेंशन स्वीकृत की तथा यूडीआईडी सर्टिफिकेट तैयार किया और आज कलेक्टर डाॅ. रावत के हाथों सुनील को ट्रायसिकल के साथ-साथ पेंशन स्वीकृति पत्र और यूडीआईडी प्रमाण-पत्र प्रदान किया। यूडीआईडी प्रमाण-पत्र आधार की तरह ही होता है, इसे पूरे देश में मान्यता प्राप्त है।



दिव्यांग सुनील केवल ट्रायसिकल प्राप्त करने की आस से जनसुनवाई में आया था, किन्तु उसे ट्रायसिकल के साथ-साथ पेंशन स्वीकृति पत्र एवं यूडीआईडी प्रमाण-पत्र भी मिल गया। ट्रायसिकल प्रदान करते समय कलेक्टर डाॅ. रावत ने दिव्यांग सुनील से पूछा कि ट्रायसिकल पाकर कैसा लग रहा है और प्रतिदिन स्कूल जाओगे कि नहीं। प्रसन्नचित दिव्यांग ने हर्ष के साथ बताया कि उसे ट्रायसिकल पाकर अत्यधिक प्रसन्नता है और वह प्रतिदिन ट्रायसिकल से ही स्कूल जायेगा। प्रसन्नता के साथ उसने कलेक्टर को ट्रायसिकल चलाकर भी दिखाई।



उल्लेखनीय है कि ट्रायसिकल नहीं होने से माता या पिता सुनील को गोद में लेकर स्कूल छोड़ना एवं लाना जाना पड़ता था। यह कार्य माता-पिता के लिए अत्यन्त कष्टकारी था। दिव्यांग सुनील के दोनों पैर पोलियो के कारण काम नहीं करते हैं।