नई दिल्ली। प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा मेघालय सरकार मिलकर ८-९ अगस्त, २०१९ को शिलांग में ई-गवर्नेंस २०१९ पर २२वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करे रहे हैं।
इस सम्मेलन का पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली बार आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन सभी तरह की डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने, समस्याओं के समाधान में अनुभव का आदान-प्रदान करने, जोखिम कम करने, मुद्दों को सुलझाने और सफलता की योजना उपलब्ध कराने के लिए स्थायी ई-गवर्नेंस पहलों को तैयार करने और उन्हें लागू करने के प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।
यह घोषणा मेघालय सरकार के मुख्य सचिव पी.एस.थंगखिव, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अतिरिक्त सचिव वी.श्रीनिवास ने आज शिलोंग में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की। शिलोंग में आयोजित २२वां राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन नई सरकार के डीएआरपीजी के १०० दिनों की पहल का एक हिस्सा है। इस सम्मेलन का विषय 'डिजिटल इंडिया: सफलता से उत्कृष्टता' है।
इस सम्मेलन के दौरान पूर्ण सत्र में ५ उप-विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। ये उप-विषय हैं – इंडिया इंटरप्राइज आर्किटेक्चर (आईएनडीईए), डिजिटल बुनियादीढांचा, वन नेशन - वन प्लेटफॉर्म, पेशेवरों के लिए उभरती प्रौद्योगिकी, सचिवालय सुधार, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा आपूर्ति आकलन (एनईएसडीए), समावेश और क्षमता निर्माण, नवाचारियों और उद्योगों के साथ तालमेल, सभी तरह की डिजिटल सेवाएं, राज्य सरकारों की सूचना प्रौद्योगिकी पहल जैसे उप-विषयों के बारे में ४ सत्रों का आयोजन किया जाएगा।
इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए २८ राज्यों और ८ केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी सहमति दे दी है। इस सम्मेलन में ४५० से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के लिए सम्मेलन के दौरान एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।