फ्लैट का कब्जा न देने पर बिल्डर को देना पड़ी 3.7 लाख की क्षतिपूर्ति 


-रेरा एक्ट ने दिलाया न्याय : प्राधिकरण में शिकायत के बाद बिल्डर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
-बिल्डर द्वारा आवेदक को कब्जा न देने की स्थिति में अदा करना होगा प्रतिमाह 8,500 रूपये 
भोपाल। मध्यप्रदेश में रेरा प्राधिकरण का प्रभाव रियल एस्टेट क्षेत्र में दिखने लगा है। यह लोगों को न्याय दिलाने वाला हथियार साबित हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण है आवेदक रामलखन यादव को भोपाल की 'रेवांत सिटीÓ में बुक किये गये फ्लैट का कब्जा न मिलने पर बिल्डर द्वारा 3 लाख 7 हजार रुपये राशि की क्षतिपूर्ति का भुगतान बिल्डर ने किया। रामलखन यादव ने इस संबंध में रेरा प्राधिकरण में आवेदन दिया था। बिल्डर द्वारा आवेदक को कब्जा न देने की स्थिति में प्रतिमाह 8,500 रूपये भी अदा करना होगा। रेरा से आवेदक के पक्ष में निर्णय हुआ तथा कलेक्टर भोपाल को आरआरसी जारी हुई।


वसूली कार्यवाही का प्रभाव यह हुआ कि बिल्डर ने क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान  रामलखन यादव को कर दिया। रेरा प्राधिकरण ने आवेदक रामलखन के प्रतिफल राशि तथा क्षतिपूर्ति के आवेदन पर अनावेदक मेसर्स भारती बिल्डर्स के विरुद्ध निर्णय पारित किया था कि मूलभूत सुविधाओं से युक्त प्रकोष्ठ का आधिपत्य आवेदक को दिया जाये।


साथ ही अनावेदकगण, आवेदक को आधिपत्य प्रदान करने में विलम्ब के लिये एक सितंबर, 2015 से निर्धारित तिथि 31 दिसंबर 2018 तक प्रतिमाह 7500 रूपये की दर से क्षतिपूर्ति राशि एक मुश्त अदा करें। साथ ही आवेदक को 31 दिसंबर 2018 तक प्रकोष्ठ का आधिपत्य न देने की स्थिति में अनावेदकगण 01 जनवरी 2019 से आधिपत्य प्रदान किये जाने की तिथि तक 8500 प्रतिमाह की दर से क्षतिपूर्ति अदा करने के लिये उत्तरदायी बनाये गये।


रेरा प्राधिकरण से 30 जनवरी, 2019 को राजस्व वसूली प्रमाण पत्र जारी होने के बाद, कलेक्टर तरूण पिथौड़े के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी तथा तहसीलदार गोविंदपुरा ने वसूली प्रकरण में करीब चार माह की अल्प अवधि में आवश्यक कार्यवाही की गई।अनावेदक द्वारा तहसील न्यायालय में आवेदक रामलखन यादव को कुल 3 लाख 7 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति राशि के चेक दिये गये।