370 पर कांग्रेस में दो राय: राहुल बोले, संविधान का हुआ उल्लंघन (06आरएस22ओआई)

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के बड़े फैसले के बाद पहली बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है। इस मामले पर राहुल ने मंगलवार को कहा कि संविधान का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि देश लोगों से बनता है, जमीन के टुकड़ों से नहीं। राहुल ने ट्वीट कर कहा है कि जम्मू-कश्मीर में कार्यकारी शक्तियों का दुरुपयोग हुआ है। सरकार ने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने इस फैसले को राष्ट्र सुरक्षा के खिलाफ बताया है। 



 अब कांग्रेस ही इस फैसले पर दो खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है। एक ओर राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद ने इसका विरोध किया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महासचिव जनार्दन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा और कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने इस फैसले का समर्थन किया है।


 
 रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक एतिहासिक फैसला है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे जम्मू कश्मीर के लोग मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे। एक विधायक की हैसियत से मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं।



 गौरतलब है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि 'अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजे जाने के बाद से ही आशंकाएं थीं। गृहमंत्री अमित शाह सदन में आए तो एटम बम फट गया। जम्मू-कश्मीर के इतिहास की शुरुआत वहां के प्रधानमंत्री के साथ हुई थी, लेकिन अब आपने उसे लेफ्टिनेंट गवर्नर पर लाकर खत्म कर दिया है, ताकि आप चपरासी भी खुद नियुक्त कर सकें।


वोट के लिए कश्मीर के टुकड़े कर दिए। भाजपा ने संविधान की हत्या कर एक राज्य का इतिहास ही खत्म कर दिया। गुलाब नबी आजाद ने कहा, 'जिन लोगों को जम्मू-कश्मीर का इतिहास या कांग्रेस का इतिहास पता नहीं, उनसे मुझे कोई लेना देना नहीं है। वो पहले जम्मू-कश्मीर और कांग्रेस का इतिहास पढ़ें, फिर कांग्रेस में रहें।' 



 वहीं जनार्दन द्विवेदी ने अनुच्छेद ३७० के प्रावधानों को रद्द करने के सरकार के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा अनुच्छेद ३७० के खिलाफ थे। आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है, भले ही देर से। द्विवेदी ने कहा कि वह पार्टी की ओर से नहीं बोल रहे हैं, बल्कि यह उनकी निजी राय है। हालांकि द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित विधेयक के बारे कोई संदेह नहीं है कि यह लोकसभा में पारित हो जाएगा।



 वहीं, कांग्रेस सांसद मिलिंद देवड़ा ने अपने बयान से कांग्रेस में चल रही ऊहापोह की स्थिति को सामने ला दिया। मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल ३७० के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए।