आँगनबाड़ी केन्द्र अब जाने जायेंगे नौनिहालों के प्ले स्कूल और नर्सरी पाठशाला के नाम से
होशंगाबाद। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आँगनबाड़ी केन्द्र अब जाने जायेंगे नौनिहालो के प्ले स्कूल एवं नर्सरी पाठशाला के नाम से।
प्रदेश के साथ-साथ होशंगाबाद जिले के सातो विकासखंडो के एक-एक चयनित केन्द्र में 28 अगस्त को प्रात: 10 बजे शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ललित कुमार डेहरिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में विकासखंड में चयनित केन्द्रों पर शुभारंभ कार्यक्रम किये जायेंगे। इसके अनुसार विकासखंड होशंगाबाद में चयनित आंगनबाड़ी केन्द्र ब्यावरा 4, बाबई विकासखंड में आंगनबाड़ी केन्द्र मनवाड़ा-3, विकासखंड
सोहागपुर में आंगनबाड़ी केन्द्र गौड़ीखैरीमाल, विकासखंड पिपरिया के बोरनाठाकुर, बनखेड़ी के आंगनबाड़ी केन्द्र ढाना, विकासखंड केसला अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र गौमतीपुरा एवं विकासखंड सिवनीमालवा अंतर्गत चयनित आंगनबाड़ी केन्द्र झकलाय-1 में आंगनबाड़ी केन्द्रो का समारोह पूर्वक ईसीसीई बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में शुभारंभ किया जायेगा। उन्होंने शुभारंभ कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित केन्द्रो के बच्चो के अभिभावको, महिलाओं, ग्रामवासियों, विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बाल्य शिक्षा केन्द्र के रूप में चयनित आदर्श आँगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चो के स्वस्थ पोषित, मनो सामाजिक और भावनात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर, संरक्षित और अनुकूल वातावरण में देखरेख, स्वास्थ्य, पोषण, खेलकूद और प्रारंभिक शिक्षा गतिविधियों के सुव्यवस्थित, गुणवत्तायुक्त एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए
क्रमश: एक निश्चित अवधि के लिए प्रतिदिन ईसीसीई कार्यक्रम, आयु अनुकूल वार्षिक पाठ¬क्रम, शिशु विकास कार्ड, प्री प्राईमरी से प्राईमरी शिक्षा में प्रवेश कार्ड, सुरक्षित एवं पर्याप्त स्थान, स्वच्छ एवं साफ-सुथरा परिवेश एवं वातावरण, स्वच्छ पेयजल, बालक/बालिका अनुकूल पृथक शौचालय सुविधा, प्राथमिक उपचार सुविधा इत्यादि आधारभूत सुविधाओं की
उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है साथ ही गणमान्य नागरिकों व संस्थाओं से सीएसआर के तहत जन सहयोग से बच्चो के लिए विभिन्न सामग्री प्राप्त की गई है। उन्होंने आँगनबाड़ी केन्द्र परिक्षेत्र में 3 से 6 वर्ष के बच्चो के अभिभावको से अपील की है कि वे इन बाल्य शिक्षा केन्द्रों में अपने बच्चो का प्रवेश अवश्यक करवाएं।