जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 73वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों साथ-साथ आजाद हुए, लेकिन 70 वर्षों के बाद भी भारत में लोकतंत्र कायम रहा, जबकि पाकिस्तान में कई बार सैन्य शासन स्थापित हुआ। महात्मा गांधी, पं. नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर और मौलाना आजाद जैसे महान नेताओं की ही देन है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत रहीं।
गहलोत ने कहा कि आज जो आधुनिक भारत है, उसकी नींव के पत्थर हमारे महान नेताओं ने ही लगाए हैं। हम उनके योगदान को कभी नहीं भुला सकते। पं. नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह जैसे वैज्ञानिक एवं दूरदर्शी सोच रखने वाले नेताओं ने इस देश को भाखड़ा नांगल, इंदिरा गांधी नहर, माही डेम जैसी वृहद् परियोजनाएं दी और आईआईटी, एम्स, आईआईएम, इसरो जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों की नींव रखी। इन नेताओं की सोच का ही परिणाम है, आज देश मंगल और चंद्रयान जैसे मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है।
गहलोत ने कहा कि इन नेताओं ने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की और मुल्क में भाईचारे, अमन-चैन तथा सामाजिक समरसता का माहौल बनाया, लेकिन आज देश में नफरत और संदेह का जो वातावरण है, उसमें हम सभी को एकजुट रहना होगा और अलगाववाद, आतंकवाद, नक्सलवाद जैसी मुल्क को तोडऩे वाली ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को यह बताने की जरूरत है कि देश को अखण्ड रखने में इन नेताओं का कितना बड़ा योगदान था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के समय देश में अधिकार आधारित युग की शुरूआत हुई और देशवासियों को खाद्य सुरक्षा, सूचना, शिक्षा और मनरेगा के रूप में रोजगार का अधिकार मिला। यह हम सब के लिए गर्व की बात है कि राजस्थान ने देश में सबसे पहले आमजन को सूचना का अधिकार प्रदान किया।