नई दिल्ली। पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष केएन गोविंदाचार्य की वकील वान्या गुप्ता ने अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान ऑडियो रिकॉर्डिंग किए जाने या फिर संसद की तर्ज पर लिखित ट्रांसक्रिप्ट तैयार कराने की मांग को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अस्वीकार कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि पहले मामले की सुनवाई शुरू होने दीजिए। केएन गोविंदाचार्य ने अपनी अर्जी में कहा था कि यह विषय लोगों की आस्था से जुड़ा है। संविधान के अनुच्छेद 19(1) ए के तहत लोगों को जानने का अधिकार है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई में क्या हो रहा है। यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा सवाल है। इस मामले में यह संभव नहीं है कि सभी लोग कोर्ट में मौजूद होकर मामले की सुनवाई सुन सकें। लिहाजा लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए इस केस की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जानी चाहिए।
अयोध्या मामले की सुनवाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो गई है। सबसे पहले निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील जैन ने अपनी दलील रखी। जैन ने कहा विवादित परिसर के अंदरूनी हिस्से पर पहले हमारा कब्ज़ा था, जिसे दूसरे ने बलपूर्वक कब्ज़े में ले लिया। बाहरी पर पहले विवाद नहीं था। विवाद 1961 से शुरू हुआ। जैन ने कहा मेरा केस दरअसल ज़मीन के उस टुकड़े के लिए है, जो अभी कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर के नियंत्रण में है।