भोपाल, प्रज्ञा ठाकुर के बयान से फिर खडा हुआ बखेडा


 शोभा ओझा ने कहा- प्रज्ञा को इलाज की जरुरत है 
भोपाल। भोपाल लोकसभा सीट से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के एक बयान के बाद फिर से बखेडा खडा हो गया है।


बयान को लेकर मचे बवाल पर पार्टी ने साध्वी के बयान से पल्ला झाड़ लिया। वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने साध्वी को ऐसे बयान नहीं देने की समझाईश दी। साध्वी के इस बयान को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। यहां बता दें कि सोमवार को पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल गौर की श्रद्धांजलि सभा में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने विपक्ष द्वारा भाजपा के नेताओं पर मारक शक्ति के प्रयोग की आशंका जताई।  


कांग्रेस मीडिया सेल की अध्यक्ष शोभा ओझा ने भी साध्वी प्रज्ञा को उनके बयान के लिए आडे हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि," साध्वी का कांग्रेस पार्टी को लेकर दिया गया बयान बेहद आपत्तिजनक है। वो अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं। उन्हें इलाज की जरूरत है और उनके लिए सही जगह पागलखाना है।"



 सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि, "मैं जब चुनाव लड़ रही थी तब एक महाराज जी आए थे उन्होंने कहा था ये बहुत बुरा समय चल रहा है विपक्ष एक मारक शक्ति का प्रयोग आपकी पार्टी और उसके नेताओं के लिए कर रहा है। ऐसे में आप सावधान रहें।


इसके बाद मैं यह बात भूल गई थी, लेकिन अब जब मैं ये देखती हूं कि हमारी पार्टी के नेता यूं एक के बाद एक जा रहे हैं तो मुझे उन महाराज जी की बात याद आ रही है। भले आप विश्वास करे या न करें पर यही सत्य है और ये हो रहा है।" हालांकि उनके इस बयान पर पार्टी के ही कई नेताओं ने किनारा कर लिया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था।


इतना ही नहीं उन्होंने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर भी आपत्तिजनकर बयान दिया था। गांधीजी को लेकर दिए गए बयान पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कड़ी नाराजगी जताई थी। हालांकि इसके बाद भी साध्वी प्रज्ञा के बेतुके बयान नहीं थमे थे।


कुछ दिनों पहले ही उन्होंने सीहोर में अपने कार्यकर्ताओं के सामने कहा था कि वो नाली साफ करने के लिए सांसद नहीं बनीं है। उनके इस बयान के बाद काफी बवाल मचा था। पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें दिल्ली तलब कर फटकार लगाई थी।