बिलासपुर, विश्व बंधुत्व की भावना केवल भारत की संस्कृति-साव


० सांसद ने किया ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा में साधकों को संबोधित
बिलासपुर। पूरी दुनिया के अंदर हमारा भारत अद्भुत संस्कृतियों वाला देश है। कोई भी देश विश्व बंधुत्व का संदेश नहीं देता है।


यह केवल भारत की संस्कृति और भारत की मिट्टी में ही ये असर है कि दुनिया के लोगों को हम अपना परिवार समझते हैं। लेकिन आज मैं और मेरेपन के विकार के कारण हम केवल आत्म केन्द्रित होते जा रहे हैं विश्व बंधुत्व का भाव कम होता जा रहा है। मैं और मेरे परिवार से बाहर निकलने की हमारी प्रवृत्ति कम होती जा रही है।


इसे दूर करने के लिए आध्यात्म को अपनाना जरूरी है। उक्त बातें बिलासपुर के सांसद अरूण साव ने ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा सेवाकेन्द्र में आयोजित योग साधना कार्यक्रम में उपस्थित साधकों को संबोधित करते हुए कही। आपने आगे कहा कि हम कौन हैं, हमारी जिम्मेदारी क्या है, हम किसलिए इस दुनिया में आए हैं इस बात का ऐहसास परमात्मा के इस पवित्र स्थल पर आकर ही होता है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही वे दूसरों की मदद करने, समस्या का समाधान करने, उदास चेहरे पर मुस्कुराहट लाने में प्रयासरत रहे। किसी को नहीं कहने में कठिनाई व दर्द की महसूसता होती है।



बिलासपुरवासियों की आवाज बनने का करेंगे पूरा प्रयास
उन्होंने सभी से अनुरोध करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में बिलासपुर का विकास हो इसके लिए आप अपनी सलाह या सुझाव अवश्य दें आपकी आवाज को दिल्ली संसद भवन तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करूंगा। आपके अमूल्य सलाह व सुझाव या किसी भी समस्या के निवारण के लिए भी मेरा द्वार सदा खुला रहेगा।



संस्था के द्वारा हो रहा विश्व बंधुत्व की भावना का प्रसार
ब्रह्माकुमारी संस्था की विशेषता बताते हुए उन्होंने कहा कि संस्था के द्वारा विश्व बंधुता का प्रचार-प्रसार करना, ध्यान, ज्ञान मुरली, मेडिटेशन करना, मानव के बीच में प्यार फैलाना व चारित्रिक उत्थान के कार्य करना - समाज में स्पष्ट रूप से झलकता है व संस्था की अलग पहचान बनाता है।



सेवाकेन्द्र का अवलोकन व ध्यान अनुभूति के पश्चात् बहनों ने बांधी राखी
भ्राता अरूण साव अपनी धर्मपत्नी श्रीमति मीना व पुत्र के साथ सेवाकेन्द्र का अवलोकन किया। सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने बाबा की कुटिया में उन्हेंं ध्यान की अनुभूति कराई व तत्पश्चात् रक्षासूत्र बांधकर उन्हें ब्रह्माभोजन भी कराया गया। 
भारत को पुन: जगत्गुरू बनाने के लिए आध्यात्म को अपनाना जरूरी-मंजू  
इस अवसर पर सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू ने कहा कि भारत को पुन: जगत्गुरू बनाने के लिए आध्यात्म की भूमिका सबसे अहम है। आध्यात्म के क्षेत्र में जब प्रशासन का सहयोग होगा तब राजयोग व आसन-प्राणायाम की शिक्षा से स्वस्थ तन, स्वस्थ मन व आध्यात्मिक रूप से सशक्त व्यक्ति के निर्माण करने की सेवा में निश्चित ही तीव्रता आयेगी।