नई दिल्ली। डीयू में हर साल होने वाले डूसू चुनाव का इस साल काफी महत्व देखा जा रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले होने जा रहे इस चुनाव को युवाओं का मूड माना जाता है।
यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस इस चुनाव को काफी अहम मान कर चल रही है। शीला दीक्षित के निधन के बाद तीनों वर्किंग प्रेजिडेंट इस चुनाव को लेकर एनएसयूआई के साथ मिल कर काम कर रहे हैं।
चुनाव के मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस और एनएसयूआई के साथ एक बैठक हो चुकी है, 15 अगस्त के बाद फिर बैठक होने वाली है। प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह चुनाव मूल रूप से एनएसयूआई लड़ती है। प्रदेश कांग्रेस उन्हें हर तरह से सपोर्ट करता है और इस बार भी पार्टी पूरी तरह से तैयार है।
वर्किंग प्रेजिडेंट हारुन यूसूफ ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदरी है और हम इसे बखूबी निभा रहे हैं। एनएसयूआई के नेताओं के साथ हमारी एक बैठक हो चुकी है, जिसमें वर्किंग प्रेजिडेंट देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया भी मौजूद थे। चुनाव का मुद्दा सबसे अहम होता है, इस बैठक में इस पर चर्चा हुई। कॉलेजों की समस्या के साथ-साथ, उनकी सुरक्षा, माहौल से जुड़े मुद्दे हैं। इसके अलावा यूजीसी ने सभी कॉलेजों को खुद फीस की व्यवस्था करने को कहा है। यह हमारा अहम मुद्दा होगा, पूरे देश में बढ़ती बेरोजगारी की बात भी करेंगे।
हारुन ने कहा कि एक हफ्ते पहले ही इस मुद्दे को लेकर हमारी बैठक हो चुकी है। दरअसल इस चुनाव में एनएसयूआई का अहम रोल होता है, हम उनके सहयोग के लिए होते हैं। कॉलेज में जाकर वोट मांगने का काम उन्हें ही करना है। प्रदेश कांग्रेस उन्हें चुनावी मुद्दे तैयार करने में मदद करती है।
कैंपेन का तरीका क्या होगा, इसमें सहयोग करते हैं। बाकी उम्मीदवारों के चयन से लेकर प्रचार-प्रसार उन्हें खुद करना होता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावे प्रदेश कांग्रेस के नेता भी इनकी मदद करते हैं, जिस इलाके में कॉलेज हैं, वहां के जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक भी उन्हें वोट मांगने में मदद करते हैं।