कश्मीर को विकास की धारा से जोड़ने का मार्ग खुला: जे.पी.नड्डा (06आरएस19ओआई)

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि आज संविधान के अनुच्छेद ३७० एवं ३५-ए को निरस्त करने के ऐतिहासिक निर्णय एवं उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का हार्दिक अभिनंदन किया।


साथ ही उन्होंने अनुच्छेद ३७० एवं ३५-ए के निरस्त करने के निणNय पर देश की जनता को भी हार्दिक बधाई दी। नड्डा ने ट्वीट में कहा कि आज का दिन हिंदुस्तान के इतिहास में स्वराक्षरों में अंकित किया जाएगा जब भारत की एकता और अखंडता को पुनस्र्थापित करने हेतु संविधान के अनुच्छेद ३७० एवं ३५-ए को निरस्त करने का संकल्प लाकर कश्मीर को पूर्ण रूप से विकास की धारा के साथ जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया गया।


उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के गरीबों,शोषितों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों एवं सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़े जाने के इस ऐतिहासिक अवसर को देश सदैव उत्सव के रूप में मनाएगा। उन्होंने कहा कि आज के ऐतिहासिक फैसले से स्पष्ट हो गया कि देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान बिलकुल नहीं चलेंगे। जम्मू-कश्मीर हिंदुस्तान का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।  



 कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने जम्मू- कश्मीर से धारा ३७० हटाकर, जनसंघ के संस्थापक हमारे प्रेणता डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रधांजलि अर्पित की। मुखर्जी जी का सर्वोच्च बलिदान आज सफल हो गया।


आज के बाद 'दो विधान, दो प्रधान, दो निशान' नहीं होंगे। जय हिंद, जय भारत! उन्होंने कहा कि आज के फैसले से जम्मू-कश्मीर के विकास का द्वार खुल गया है, जिसके बल पर एक विकसित जम्मू-कश्मीर की नींव रखी जायेगी। 



 ज्ञात हो कि आज गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के उच्च सदन में एक साथ चार संकल्प पेश करते हुए जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद ३७० (१) के अलावा सभी खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन करने का प्रस्ताव, जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव, जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका के बारे में प्रस्ताव और लद्दाख के बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र होने के बारे में प्रस्ताव रखा।


राज्यसभा में पेश किये गए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को भी ६१ के मुकाबले १२५ वोट से पारित किया गया है। इस विधेयक में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सामान्य वर्ग के गरीबों को १० पर्सेंट आरक्षण वाला विधेयक भी पास हो गया है।