नई दिल्ली। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नीरज शेखर अपने राजनीतिक जीवन की नई पारी शुरू करने की तैयारी में जुटे हैं।
वे केंद्र की राजनीति में ही सक्रिय रहने के इच्छुक दिखाई देते हैं। हालांकि वह कहते हैं कि कोई लक्ष्य बनाकर भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसे निभाएंगे। शेखर राज्यसभा से इस्तीफा दे चुके हैं। वे अभी सांसद नहीं हैं। लेकिन उनके आवास पर मिलने वालों की भीड़-भाड़ देखकर उनकी राजनीतिक सक्रियता का अहसास हो जाता है। भाजपा में आने के बाद वे लखनऊ और बलिया का दौरा कर चुके हैं।
नीरज कहते हैं कि वहां लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया हुई है। यह पूछने पर कि अब अगला कदम क्या होगा, जो पार्टी जिम्मेदारी देगी उसे पूरा करेंगे। मन है कि केंद्रीय राजनीति में ही सक्रिय रहूं और पूरे देश भर में जाकर कार्य करूं। लेकिन यदि पार्टी यूपी में काम करने को कहेगी तो करूंगा। सपा के रवैये से आहत होकर शेखर भाजपा में शामिल हुए हैं। वे काफी उत्साहित हैं।
क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कार्य करने का अवसर मिल रहा है। अपने पिता चंद्रशेखर को सम्मान दिए जाने से भी वे मोदी से प्रभावित हैं। शेखर कहते हैं कि पीएम ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय बनाने का ऐलान कर उन्हें प्रतिष्ठा प्रदान की है। उनके पिता समेत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने देश के लिए लिए कार्य किया। वे जमीन से उठकर वहां तक पहुंचे। यह पूछे जाने पर कि क्या चंद्रशेखर को भारत रत्न मिलना चाहिए ? उन्होंने कहा कि अपने पिता के लिए यह मांग करना मेरे लिए ठीक नहीं होगा।