किसानों की जमीन हड़पने के मामले में ईडी ने आजम के खिलाफ दर्ज किया केस


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में भू माफिया घोषित किए गए समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शिकंजा कसा है। ईडी के अफसरों ने बताया कि उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में जमीन हड़पने के कई मामलों में केस दर्ज किया गया है। 



अधिकारियों ने बताया ईडी ने सपा सांसद के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दर्ज की गई कम से कम 26 एफआईआर का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ इनफोर्समेंट केस इन्फर्मेशन रिपोर्ट (इसीआईआर) दर्ज की है। ईडी की ईसीआईआर, दरअसल, पुलिस एफआईआर के समतुल्य होती है। आजम खान और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 



आजम खान जिस गौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं, वहां यूपी पुलिस ने मंगलवार को छापा मारा था। छापे में यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में कथित तौर पर एक मदरसे से चोरी हुईं किताबें भी मिली थीं। छापेमारी के दौरान जांच में बाधा पहुंचाने को लेकर आजम के विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को बुधवार को पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में हिरासत में लिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। इसके अगले दिन अब्दुल्ला आजम अपने समर्थकों के साथ धारा 144 का उल्लंघन करते हुए सड़क पर उतरे थे, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें फिर हिरासत में ले लिया था।



उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने जमीन हड़पने के आरोप में आजम खान के खिलाफ 26 मामले दर्ज किए हैं। इसमें जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन हड़पने का केस भी शामिल है। यूपी सरकार ने उनका नाम भू-माफिया की सूची में भी शामिल कर लिया है। आजम खान और उनके एक सहयोगी के खिलाफ रामपुर के 26 किसानों की 5 हजार हेक्टेयर जमीन हड़पकर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में इस्तेमाल करने का संगीन आरोप है।


 
एफआईआर के अनुसार, आजम खान और उनके करीबी सहयोगी अलेहसन खान नाम के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर 26 किसानों से जमीन हड़प ली और इस जमीन का उपयोग समाजवादी पार्टी के नेता ने अपनी करोड़ों की मेगा प्रॉजेक्ट-मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में किया। राजस्व विभाग की एफआईआर के बाद रामपुर के 26 किसान, जिन्हें कथित रूप से जाली भूमि बिक्री विलेख पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रताड़ित किया गया था, अब अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराएंगे।