नई दिल्ली । भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकतर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जानकारी ही नहीं है। स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में यह दावा किया गया है।
ऊमेओ विश्वविद्यालय के छात्र नीतिन गंगाने द्वारा की इस रिसर्च में पाया गया कि ज्यादातर भारतीय महिलाओं को अपने ब्रेस्टे में होने वाली गांठों का खुद से पता लगाने का तरीका नहीं मालूम है। देश के ग्रामीण इलाकों में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काफी देर करती है और ज्यादातर मामलों में इसका कारण इलाज महंगा होना होता है।
इसके अलावा अशिक्षा, नजरअंदाज करना, गरीबी और अंधविश्वास के कारण भी कई महिलाएं अस्पताल जाने में बहुत देर करती हैं। वहीं, ब्रेस्ट में होने वाली गांठ में कोई दर्द महसूस ना होने पर भी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का इलाज नहीं करवाती। गंगाने के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के सफल इलाज के लिए समय रहते उसके बारे में पता चलना अहम होता है।
ऐसे में महिलाओं को इसके लक्षणों और इसके इलाज के बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है। हाल ही में महाराष्ट्र के ग्रामीण जिले वर्धा में महिलाओं पर दो रिसर्च की गई। इसमें पाया गया कि महिलाओं को ब्रेस्ट में गांठों का पता लगाने का तरीका मालूम ही नहीं था। रिसर्च में ये भी पाया गया कि हर तीसरी महिला ने कभी भी ब्रेस्ट कैंसर के बारे में नहीं सुना था।