सीबीआई ने ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को सारदा घोटाला में किया तलब

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हुए चर्चित सारदा घोटाले में केंद्रीय जांच अन्वेषण (सीबीआई) ने यहां के मंत्री पार्थ चटर्जी को पूछताछ के लिए बुलवाया है।


पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी सरकार में शिक्षा मंत्री का पद संभाल रहे हैं। पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र के संपादक हैं। पहले इस मामले में आज कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ की जानी थी, लेकिन राजीव कुमार ने अपनी चिट्ठी के साथ एक सीआईडी अधिकारी को सीबीआई के दफ्तर भेजा था। राजीव कुमार ने पूछताछ के लिए समय मांगा है। फिलहाल, राजीव कुमार बंगाल के एडीजी सीआईडी पद पर तैनात हैं।


सारदा घोटाले में टीएमसी के कई दिग्गज नेताओं का नाम शामिल है। सारदा घोटाले में गिरफ्तार होने वाले टीएमसी के राज्यसभा सांसद कुणाल घोस पहले टीएमसी नेता थे, जिन्हें नवंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया। घोष चिटफंड घोटाले वाली कंपनी सारदा ग्रुप की मीडिया यूनिट के ग्रुप सीईओ थे। इस केस में गिरफ्तार होने वाले दूसरे नेता श्रुंजॉय बोस थे। टीएमसी के राज्यसभा सांसद श्रृंजॉय को 21 नवंबर 2014 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। उनपर घोटाले के मास्टरमाइंड और सारदा ग्रुप के सीएमडी सुदीप्तो सेन से घोटाले की रकम में हिस्सा लेने का आरोप लगा।



इसके बाद 14 दिसंबर 2014 को सीबीआई ने ममता बनर्जी के करीबी कहे जाने वाले मदन मित्रा को गिरफ्तार किया, जो उस वक्त ममता सरकार में परिवहन मंत्री थे। मदन मित्रा कई मौकों पर सारदा ग्रुप के कार्यक्रमों में घोटाले के मास्टरमाइंड सुदीप्तो सेन की तारीफें करते रहे थे। सारदा  घोटाले में सीबीआई ने सितंबर 2014 में पश्चिम बंगाल के पूर्व डीजीपी रजत मजूमदार को भी गिरफ्तार किया था।


सीबीआई के मुताबिक रजत मजूमदार सारदा ग्रुप के लिए सिक्यॉरिटी एडवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। 2016 में सारदा घोटाले से जुड़े एक स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के उपाध्यक्ष और सांसद मुकुल रॉय का नाम भी सामने आया, जिसके बाद उनसे सीबीआई ने पूछताछ भी की। इसके बाद ममता बनर्जी के दाहिने हाथ कहे जाने वाले मुकुल रॉय ने बीजेपी का दामन थाम लिया।