भाकियू ने तहसील मुख्यालय पर मशाल जलाकर किया विरोध प्रदर्शन


- मुख्यमंत्री को भेजा 7 सूत्रीय ज्ञापन
बस्ती। भारतीय किसान यूनियन द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर सोमवार को बस्ती तहसील मुख्यालय


समेत जनपद के हर्रैया, रूधौली, भानपुर तहसील मुख्यालयों पर विद्युत मूल्य वृद्धि, नये यातायात नियमों के नाम पर भारी जुर्माना वसूले जाने सहित 7 मांगो को लेकर मशाल जुलूस जलाकर प्रदर्शन किया गया। बस्ती तहसील  मुख्यालय पर कार्यवाहक जिलाध्यक्ष जयराम चौधरी, तहसील अध्यक्ष फूलचन्द चौधरी के संयोजन में विरोध प्रदर्शन के बाद उप जिलाधिकारी सदर के माध्यम से मुख्य मंत्री को ज्ञापन भेजा गया।



धरने को सम्बोधित करते हुये भाकियू नेता डा. आर.पी. चौधरी ने कहा कि विद्युत मूल्य में मनमानी वृद्धि कर सरकार पुनः किसानों को उसी ढेबरी और मशाल युग में वापस ले जाना चाहती है। कहा कि शहर से लेकर गांवों तक सड़कों की हालत दयनीय है, सबसे पहले तो सरकार घटिया सड़क बनाने वाले इंजीनियरांे, ठेकेदारों के विरूद्ध कार्रवाई करे और उनसे भी जुर्माना वसूला जाय। मांग किया कि सरकार जन विरोधी विद्युत मूल्य वृद्धि और नये यातयात नियमों को वापस ले। इसके साथ ही पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाय। 



मुख्य मंत्री को भेजे 7 सूत्रीय ज्ञापन में विद्युत मूल्य वृद्धि और नये यातयात नियमों को वापस लेने, गन्ना मूल्य व्याज समेत भुगतान कराने, बंद पड़ी वाल्टरगंज, बस्ती चीनी मिल का राष्ट्रीयकरण कर उसे चलवाये जाने, के.सी.सी. में व्यापक मनमानी कटौती बंद किये जाने, हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सभी वेतनभोगी के पाल्यों को परिषदीय विद्यालयों में पढाये जाने, दिल्ली सरकार की भांति उत्तर प्रदेश में भी स्वामीनाथन रिपोर्ट (सीटू) के आधार पर फसलों का मूल्य निर्धारित किये जाने, जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा किये जाने आदि की मांग शामिल है। 



धरने को त्रिवेनी चौधरी, फूलचन्द चौधरी, दीप चन्द, हरिराम चौधरी, गनीराम, चन्द्र प्रकाश चौधरी, घनश्याम, गौरीशंकर, राजेन्द्र प्रसाद आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि सरकार समस्याओं का प्रभावी निराकरण कराये अन्यथा 25 सितम्बर को किसान लखनऊं कूंच करेंगे। 



बस्ती तहसील मुख्यालय पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में परमात्मा प्रसाद, रामफेर, सत्यराम, बेलाल अहमद, इमरान अहमद, राकेश, धु्रवचन्द्र, चन्द्रभान चौधरी, इब्राहीम, राम किशोर भारती, भगवानदास प्रजापति, महीपत चौधरी, लवकुश पाल, दीप नरायन, रामकुमार, सत्यराम के साथ ही भाकियू के अनेक पदाधिकारी, किसान, मजदूर शामिल रहे।