पंचकूला। पंचकूला हिंसा मामले में मुख्यारोपी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा पर लगे देशद्रोह के आरोप में उसे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है।
घटना के दो साल बीत जाने के बाद हनीप्रीत ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी कि वह करीब दो साल से जेल में बंद है, और वह एक महिला है, इसलिए उसे जमानत दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, जिसके चलते फिलहाल उसे जेल में ही रहना पड़ेगा। हरियाणा सरकार के वकील रमेश अंबवता ने बताया कि 9 सितंबर को हनीप्रीत पर चार्जेस फ्रेम होने हैं। वह गवाहों को इनफ्लुएंस कर सकती है इसलिए कोई भी राहत ना दी जाए।
कुल इस मामले में 49 आरोपी हैं, जिनमें से आदित्य इंसा को भी पीओ घोषित कर दिया। इसके अलावा उसके वकील ने याचिका खारिज होते देख जमानत याचिका वापिस ले ली है। उन्होंने कहा कि 89 गवाह है, जिसमें गुरमीत राम रहीम के गनमैन विकास ने कहा था कि उसने डेरा समर्थको को पंचुकला में दंगा करवाने की एवज में सवा करोड़ रुपए दिए थे, जो दो व्यक्तियों से रिकवर भी कर लिए गए।
याचिका में कहा गया कि 25 अगस्त 2017 को जब पंचकूला सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया था तो उसके बाद पंचकूला में हुए दंगों की साजिश रचे जाने का आरोप हनीप्रीत पर लगाया गया था, जबकि जिस समय दंगे हुए थे वह उस समय डेरा प्रमुख के साथ थी। हनीप्रीत डेरा प्रमुख के साथ वह पंचकूला से सीधे रोहतक की सुनारिया जेल चली गई थी। उसे इन दंगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बावजूद इसके उसे इन दंगों की साजिश का आरोपी बना दिया गया।