चेन्नई। भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क के लिए अब केवल 5 दिन शेष बचे हैं।
लैंडर विक्रम से 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने के ठीक पहले संपर्क टूट गया था। इसके बाद इसरो और नासा के लैंडर विक्रम से संपर्क करने के तमाम प्रयास विफल साबित हुए हैं। विक्रम लैंडर को चंद्रमा के एक दिन (पृथ्वी के 14 दिन) तक ही काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस तरह 20 या 21 सितंबर को चंद्रमा पर रात हो जाएगी और इसी के साथ विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीद पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इस बीच एक अच्छी खबर हैं कि नासा का ऑर्बिटर मंगलवार को चंद्रमा की सतह पर उस जगह के ऊपर से गुजरेगा, जहां विक्रम ने लैंडिंग की है। नासा का ऑर्बिटर लैंडिंग साइट की तस्वीरें भी भेज सकता है। इससे विक्रम लैंडर से संपर्क करने में सफलता मिल सकती है।
विक्रम लैंडर के बारे में इसरो ने भी पता लगा लिया है और उससे संपर्क करने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि अब तक इसरो ने विक्रम लैंडर की कोई तस्वीर जारी नहीं की है। बता दें कि विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग की थी,जिसके चलते उसका कुछ हिस्सा प्रभावित हुआ है। नासा के ऑर्बिटर में लगे हाई रिजॉलूशन कैमरे ने पिछले दिनों अपोलो 11 की लैंडिंग साइट की तस्वीरें भेजी थीं।
नासा की ये तस्वीरें काफी स्पष्ट थीं और 40 साल पहले चांद पर मनुष्य की लैंडिंग के फुटप्रिंट्स तक को दर्शा रही थीं। हाल ही में इसी साल क्रैश हुए इजरायली स्पेसक्राफ्ट की तस्वीरें भी नासा के ऑर्बिटर ने जारी की थीं। पेत्रो ने कहा कि नासा की नीति की मुताबिक उसके ऑर्बिटर का डेटा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध होता है। पेत्रो ने कहा कि हमारा ऑर्बिटर विक्रम लैंडर की साइट से ऊपर से गुजरेगा तो उसकी तस्वीरें जारी करेगा ताकि इसरो को पूरी स्थिति का विश्लेषण करने में मदद मिल सके।