फूलों की होली और 2056 व्यंजनों संग इस्कॉन द्वारका में सात्विक होली का आयोजन


नई दिल्ली / होली के अवसर पर जहां सभी लोग, रंगो और हर्षोल्लास के रंग में रंगे थे, वहीं दिल्लीवासियों ने द्वारका सेक्टर-13 स्थित इस्कॉन परिसर में अपनी ही तरह का अलग और सतयुग का अहसास किया। जहां रंग था, हर्षोल्लास और भगवान कृष्ण को समर्पित उनकी भक्ति के साथ-साथ 2056 व्यंजनों की विविधता आकर्षण का केन्द्र थी।


इस्कॉन द्वारका के होली समारोह में आमजन ने फूलों की पंखुड़ियों और उनसे बने रंगों से होली खेली, साथ ही फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, इस्कॉन यूथ फोरम द्वारा प्रस्तुत नाटक, कृष्ण किशोर प्रभु द्वारा महा-अभिषेक और कीर्तन सहित भगवान को समर्पित 2056 भोग एवम् महा-आरती का अद्भुत अनुभव लिया। अन्य आकर्षण के रूप में फूलों के स्टॉल, सेल्फी पॉइंट, बुक स्टॉल आदि की भी होली उत्सव में शामिल थे।


हमेशा से प्रकृति के अनुकूल ही कदम उठाते रहे इस्कॉन द्वारा इसी लक्ष्य के साथ यह आयोजन किया गया था। मौके पर आईआईटी दिल्ली से एमटेक और पीएचडी करने वाले अभिनव ग्रोवर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत इस्कॉन द्वारका के अभिनव ग्रोवर ने कहा, “होली प्यार का, रंगों का, आपसी मेल-भाव का त्योहार है। हर्षोल्लास के साथ-साथ हुड़दंग के चलते काफी लोग इसका आनन्द नहीं लेते, ऐसे में इस्कॉन द्वारा का यह होली उत्सव कृष्ण के चाहने वालों को न उनके साथ होली खेलने का ही नहीं बल्कि पूर्णतया सात्विक तरीके से इसका भरपूर लुत्फ उठाने का मौका देता है। भगवान कृष्ण के साथ होली खेलने के लिए फूलों से बने रंग ही सर्वश्रेष्ठ हो सकते हैं, क्योकि फूलों को ईश्वर की पूजा के लिए शुद्ध और पवित्र माना जाता है। उन्होंने बताया कि इस उत्सव से जुटाए जाने वाले धन का इस्तेमाल इस्कॉन सेंटर में कृष्ण धाम (मंदिर) बनाने में किया जाएगा।


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